नई दिल्ली, 13 नवंबर: भारतीय जनता पार्टी की सांसद अपराजिता सारंगी को 130वें संविधान संशोधन विधेयक 2025, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल 2025 और संघ शासित प्रदेशों की सरकार संशोधन विधेयक 2025 की जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। 31 सदस्यों वाले पैनल में विपक्षी दलों के चार सदस्य, भाजपा के 15 सदस्य, एनडीए सहयोगी दलों के 11 सदस्य और एक नामित सदस्य शामिल हैं।
भाजपा के प्रमुख सदस्यों में रविशंकर प्रसाद, पुरुषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग ठाकुर और बृजलाल शामिल हैं। मनोनीत राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति भी इस समिति में हैं। विपक्षी सदस्यों में सुप्रिया सुले, हरसिमरत कौर बादल, असदुद्दीन ओवैसी और निरंजन रेड्डी शामिल हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है कहा है कि ये विधेयक कानून के मूल सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं कोई व्यक्ति तब तक निर्दोष है जब तक उसका अपराध सिद्ध न हो जाए।
20 अगस्त को मानसून सत्र के आखिरी दिन पेश किए गए तीनों विधेयकों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आरोपों में तीस दिनों तक हिरासत में रखने पर स्वतः पद से हटाने का प्रावधान है। लोकसभा में इन विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया।
