नई दिल्ली, 13 नवंबर: स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज कहा कि पिछले एक दशक में भारत सबसे गतिशील वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है। नई दिल्ली में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद- आईसीएमआर के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का स्वास्थ्य अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत हुआ है और आत्मनिर्भरता, नवाचार और समता से प्रेरित होकर विकसित भारत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। श्रीमती पटेल ने कहा कि सार्वजनिक- निजी भागीदारी से सबका साथ, सबका प्रयास, सबका विश्वास की भावना को बल मिलता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद मिलकर रोगाणुरोधी प्रतिरोध, दुर्लभ बीमारियों से लेकर जलवायु संबंधी स्वास्थ्य जोखिमों और स्वास्थ्य तैयारियों तक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के उत्कृष्टता केंद्रों, इंटेंट क्लिनिकल ट्रायल नेटवर्क और मेडटेक मित्र के पारिस्थितिकी तंत्र ने 27 से अधिक स्वदेशी चिकित्सा प्रौद्योगिकियों को पोषित किया है, जिससे प्रयोगशाला से लेकर व्यावहारिक जीवन में किफायती नवाचार को गति मिली है। इस अवसर पर श्रीमती पटेल ने आईसीएमआर के वित्तीय सहयोग से आईआईटी दिल्ली और एम्स दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से विकसित सहायक प्रौद्योगिकी दिशानिर्देश और मूल्यांकन किट का भी शुभारंभ किया।
