नई दिल्ली, ९ नवंबर : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर.एस.एस.) के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि वे समाज में विभाजन को समाप्त करने के लिए संवाद की पहल करेंगे। बेंगलुरु में कल संघ की 100 वर्ष की यात्रा–नए क्षितिज विषय पर व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे समाज में विभाजन को पाटकर सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे।
सरसंघचालक ने बताया कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदू और मुसलमान दोनों ब्रिटिश शासन से मुक्ति के लिए एकजुट हुए थे। श्री भागवत ने कहा कि अंग्रेजों ने इस एकता को अपने शासन के लिए खतरा समझा और भारतीय समाज में विभाजन को बढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि आर.एस.एस. इस तरह के विभाजन को समाप्त करने के लिए जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू करेगा।
आरएसएस की अन्य पहलों के बारे में बोलते हुए श्री भागवत ने कहा कि संगठन सद्भावना कार्य के तहत ब्लॉक स्तर पर जातिगत नेताओं और धार्मिक संप्रदायों के प्रमुखों से संपर्क करेगा। इसका उद्देश्य समुदाय का उत्थान और समस्याओं तथा संघर्षों का समाधान करना है। उन्होंने नागरिक समाज से सामाजिक समरसता के लिए अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देने का आह्वान किया।
