प्रधानमंत्री के स्मारक ई-नीलामी 2025 की शुरुआत, पूर्वोत्तर भारत के शिल्पकला पर विशेष ध्यान

नई दिल्ली, 25 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार स्वरूप दिए गए 1300 से अधिक दुर्लभ और ऐतिहासिक वस्तुओं के साथ प्रधानमंत्री स्मारक ई-नीलामी 2025 शुरू हो गई है। यह ऑनलाइन नीलामी 2 अक्टूबर तक चलेगी, जिसकी आय नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी के संरक्षण और सफाई के कार्यों में लगाई जाएगी।

इस वर्ष की नीलामी की खास विशेषता पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों — असम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश — की पारंपरिक शिल्प कला और हस्तशिल्प हैं।

नागालैंड से राज्य के सांस्कृतिक प्रतीक मिथुन की लकड़ी की मूर्ति और पारंपरिक नागा शाल, जिसमें लाल रंग और भाला-ढाल की डिज़ाइन वीरता और गौरव का प्रतीक है, प्रस्तुत की गई है।

मेघालय ने बाँस और केन से निर्मित एक अनोखे जहाज के मॉडल को प्रस्तुत किया है, जो राज्य की हस्तशिल्प कला की दक्षता को दर्शाता है।

असम से माजुली के गरुड़ मुखौसे सहित राज्य की सत्र संस्कृति और मुखौला नृत्य से जुड़ी वस्तुएं, साथ ही पारंपरिक असामी जपी और सुनहरी मगा रेशम के अंग वस्त्र नीलामी में शामिल हैं, जो राज्य की कृषि और कला विरासत का प्रतीक हैं।

सिक्किम ने एक सूक्ष्म पीतल की गौतम बुद्ध की प्रतिमा प्रस्तुत की है, जो क्षेत्रीय बौद्ध प्रभाव और धातु-कला की महारत को दर्शाती है।

अरुणाचल प्रदेश से वांचो जनजाति की लकड़ी की मूर्ति नीलामी में है, जिसमें आदिवासी दंपति का चित्रण किया गया है, जो उस जनजाति की कथात्मक लकड़ी के काम की मिसाल है।

सरकारी अधिकारियों ने नागरिकों को इस नीलामी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। उनका मानना है कि यह ई-नीलामी केवल सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का अवसर नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी का एक विशेष माध्यम भी है।

नीलामी वेबसाइट pmmementos.gov.in पर चल रही है और 2 अक्टूबर तक बिडिंग के लिए खुली रहेगी। इसमें भाग लेकर देश की विरासत संरक्षण और पवित्र गंगा नदी के संरक्षण में योगदान दिया जा सकता है।