नई दिल्ली, २५ सितंबर: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल लेने से ऑटिज़्म का खतरा बढ़ सकता है।
इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं से कहा था कि वे “सहन करें” और बिना अत्यंत उच्च बुखार के पैरासिटामोल (जिसे एसिटामिनोफेन भी कहा जाता है) लेने से बचें। उन्होंने सुझाव दिया था कि इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, “वर्तमान में गर्भावस्था में एसिटामिनोफेन के उपयोग और ऑटिज़्म के बीच किसी भी तरह का निर्णायक वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।” पिछले दस वर्षों में किए गए कई बड़े पैमाने के अध्ययनों में भी “कोई सुसंगत संबंध नहीं पाया गया” है।
संगठन ने बताया कि एसिटामिनोफेन गर्भवती महिलाओं द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ओवर-द-काउंटर दवा है, जो दर्द, सिरदर्द या बुखार के इलाज के लिए ली जाती है। इसके अलावा, इसे विभिन्न नियामक और चिकित्सा एजेंसियां सुरक्षित मानती हैं।
विश्व में लगभग 62 मिलियन लोग ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं, लेकिन ऑटिज़्म के कारण अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं चले हैं और इसके लिए कई कारकों को जिम्मेदार माना जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने गर्भवती महिलाओं को सलाह दी है कि वे किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें और सार्वजनिक राय के आधार पर निर्णय न लें। उन्होंने कहा, “गर्भावस्था के दौरान विशेष रूप से पहले तीन महीने में किसी भी दवा का उपयोग सावधानीपूर्वक और स्वास्थ्य पेशेवरों की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।”
साथ ही, संगठन ने टीकाकरण के महत्व को भी दोहराया और चेतावनी दी कि टीकाकरण में व्यवधान बच्चों और व्यापक समुदाय के लिए संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है।
इस बयान के माध्यम से डब्ल्यूएचओ ने पैरासिटामोल के गर्भावस्था में उपयोग से संबंधित विवाद पर वैज्ञानिक तथ्यों को स्पष्ट किया है और लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
