नई दिल्ली, 22 सितंबर:
उप-राष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों पर आधारित चार संकलित पुस्तकों का विमोचन किया। इन पुस्तकों का शीर्षक है “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास”। इन ग्रंथों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत पब्लिकेशन डिवीजन द्वारा प्रकाशित করা गया है।
इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वक्ताओं में से एक बताया। उन्होंने कहा कि मोदी जी के भाषण देशवासियों को प्रेरित करते हैं और जागरूक बनाते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्वतंत्रता के बाद लंबे समय तक भारत उपनिवेशवादी मानसिकता से मुक्त नहीं হতে পা رہا था, लेकिन 2014 के बाद देश ने गर्व से अपनी संस्कृति और प्राचीन परंपराओं पर बात करना शुरू किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये पुस्तकें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दूसरे कार्यकाल के चौथे और पांचवें वर्ष के चुनिंदा भाषणों का संकलन हैं। ये भाषण प्रधानमंत्री की सुशासन की दृष्टि और उनके सेवा-भाव को उजागर करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने राजनीति को जनसेवा का एक प्रभावी माध्यम बना दिया है।
विमोचन के दौरान उप-राष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। एक सामान्य व्यक्ति के प्रतिनिधि से राष्ट्र के नेता बनने तक की उनकी यात्रा दिखाती है कि असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि यदि मन में सेवा का भाव हो तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम चला रहा है, जिसके अंतर्गत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इसके अलावा अब तक 54 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले जा चुके हैं और 13 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया गया है।
सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि पब्लिकेशन डिवीजन वर्ष 1941 से पठनीय और रोचक सामग्री के साथ पुस्तकें प्रकाशित कर रहा है। यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रमुख मीडिया संस्थाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य देशवासियों को प्रामाणिक और सुलभ साहित्य उपलब्ध कराना है।
यह अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास, सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दर्पण रूपी भाषणों को आम जनता तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
