भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.698 अरब डॉलर बढ़कर पहुँचा 702.966 अरब डॉलर, लगातार तीसरे सप्ताह भी दर्ज हुई बढ़त

मुंबई, 21 सितंबर:
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) लगातार तीसरे सप्ताह में भी वृद्धि दर्ज करते हुए एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी साप्ताहिक आँकड़ों के अनुसार, 12 सितंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.698 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 702.966 अरब डॉलर तक पहुँच गया। इस तरह भारत ने बहुप्रतीक्षित 700 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लिया।

इस वृद्धि की मुख्य वजह विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA) और स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में आई बढ़ोतरी है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, FCA में 2.537 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज की गई है, जिससे यह 587.014 अरब डॉलर तक पहुँच गई। वहीं, सोने के भंडार में भी 2.12 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ यह 92.419 अरब डॉलर पर पहुँच गया है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद बताया कि भारत के पास अब इतना विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे देश की 11 महीनों की आयात आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।

2022 में भारत के फॉरेक्स रिज़र्व में लगभग 71 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई थी, लेकिन 2023 में इसने 58 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ वापसी की। 2024 में भंडार में 20 अरब डॉलर से अधिक की वृद्धि हुई थी, जबकि 2025 में अब तक करीब 53 अरब डॉलर का इजाफा दर्ज हुआ है।

गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार वह संपत्ति होती है जिसे देश का केंद्रीय बैंक विभिन्न विदेशी मुद्राओं में संचित रखता है—जैसे कि अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग। भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार का सक्रिय रूप से प्रबंधन करता है—जब रुपये की कीमत बढ़ती है, तो वह डॉलर खरीदता है और जब कीमत गिरती है, तब डॉलर बेचता है, ताकि विनिमय दर स्थिर रखी जा सके।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में यह निरंतर बढ़त देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक अस्थिरता के बीच अधिक स्थिर और लचीला बनाए रखने में मदद करेगी।