नगांव में 17,000 से अधिक छात्रों ने एक साथ गाया भूपेन हजारिका का गीत ‘मानुहे मानुहोर बाबे’, बना भारतीय रिकॉर्ड

नगांव, 11 सितंबर:
महान संगीतकार, कवि ও मानवतावादी भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में असम के नगांव जिले में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जहां 17,000 से भी अधिक छात्र-छात्राएं एक साथ गाकर उनकी अमर रचना ‘मानुहे मानुहोर बाबे’ को सम्मान জানाया। यह कार्यक्रम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज হয়েছে।

बुधवार शाम नगांव के नुरुल अमीन स्टेडियम में यह सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी पहल की थी नगांव जिला प्रशासन ने। इस आयोजन में कुल 63 शैक्षणिक संस्थानों— स्कूल और कॉलेज— के छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं।

जिला प्रशासन ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य था भूपेन हजारिका की मानवतावादी सोच और सांस्कृतिक योगदान को नई প্রজন্মের সামনে তুলে ধরা। इस मौके पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी मौजूद थी, जिसका नेतृत्व कर रही थीं सुनीता केडिया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद नगांव के उपायुक्त देबाशीष शर्मा को आधिकारिक रिकॉर्ड प्रमाणपत्र सौंपा गया।

इस अवसर पर नगांव और राहा के भाजपा विधायक रूपक शर्मा और शशिकांत दास, नगांव विश्वविद्यालय के कुलपति हितेश डेका, राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, प्रसिद्ध कलाकार और सांस्कृतिक क्षेत्र की कई जानी-मानी हस्तियां भी उपस्थित थीं।

भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी समारोह 8 सितंबर से शुरू हुआ है और यह एक वर्ष तक चलेगा। इस विशेष अवसर पर आगामी 13 सितंबर को नगांव में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपस्थित रहने की संभावना है।

गौरतलब है कि ‘सुधाकंठ’ के नाम से प्रसिद्ध भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को असम के तिनसुकिया जिले के सदिया शहर में हुआ था। वे न सिर्फ असम, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं। उनके गीत आज भी लोगों के दिलों को गहराई से छू जाते हैं और सामाजिक सौहार्द्र व मानवता का संदेश देते हैं।