नई दिल्ली, 11 सितंबर: भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती और ड्रग तस्करी जैसी चुनौतियों का मिलकर सामना कर रहे हैं। यह जानकारी आज भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी। उन्होंने कहा कि मॉरीशस भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘विजन महा-सागर’ का एक अभिन्न हिस्सा है।
आज दोपहर मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंध एक विशेष और अद्वितीय संबंध है, जो सांस्कृतिक, सभ्यतागत और जातीय संबंधों पर आधारित है। यह रिश्ता दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध, व्यापार, निवेश, वित्तीय सहयोग और विकासात्मक साझेदारी के चलते और भी मजबूत हुआ है।
विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत लंबे समय से हिंद महासागर क्षेत्र में ‘प्रथम प्रतिक्रिया देने वाला देश’ और ‘नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर’ की भूमिका निभा रहा है, और मॉरीशस भी इसमें कोई अपवाद नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और मॉरीशस के बीच साझेदारी अब केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विकास सहयोग, समुद्री सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी फैल चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-मॉरीशस के बीच यह साझेदारी केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत आधार भी है।
