अगरतला, 3 सितंबर: त्रिपुरा में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय, और पुलिस का एक वर्ग सत्तारूढ़ दल का “दलदास” बन चुका है। विधायक आवास कांड को কেন্দ্র করে इन तीखे आरोपों के साथ सरकार और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा नेता प्रतिपक्ष व सीपीआई(एम) पॉलिट ब्यूरो सदस्य जितेन्द्र चौधुरी ने।
श्री चौधुरी ने कहा कि हालिया घटनাক्रम থেকে এটা পরিষ্কার हो गया है कि राज्य में न तो प्रशासन पर सरकार का नियंत्रण है, और न ही बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित করতে পার रही है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी टिपरा मोथा के बीच संबंध भी अब रसातলে পৌঁছে গেছে।
“राज्य में अराजकता की स्थिति है,” — ऐसा कहते हुए चौधुरी ने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थित असामाजिक तत्वों ने सीपीआई(एम) की जनसभा को विफल करने के उद्देश्य से हमला किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को अब यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी ज़मीन खिसक रही है। इसलिए वे बौखलाहट में आकर जनसभा पर हमले करवा रहे हैं और जनता के सामने अनर्गल बातें बोल रहे हैं।
मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा अपनी कमजोरी समझ नहीं पा रहे हैं। वे सार्वजनिक रूप से अपनी असफलताओं को उजागर कर रहे हैं।
चौधुरी ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री को कई बार यह बात समझाने की कोशिश की गई है कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की साजिश कर रहे हैं, लेकिन वे इसे गंभीरता से नहीं ले रहे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, राज्य में लगातार बढ़ती हिंसक घटनाएं और भाजपा में अंदरूनी कलह आने वाले दिनों में त्रिपुरा की राजनीति को और भी अधिक अशांत कर सकती हैं।
