ख़ार्तूम, २ सितंबर: सूडान के पश्चिमी दारफुर क्षेत्र की मार्रा पर्वतमाला में एक भीषण भूस्खलन में एक हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। विद्रोही समूह सूडान लिबरेशन मूवमेंट (एसएलएम) ने बताया कि तरासीन नाम का पूरा पर्वतीय गाँव भूस्खलन के कारण समतल ज़मीन में बदल गया। इस हादसे में सिर्फ़ एक व्यक्ति के जीवित बचने की ख़बर है।
शुरुआती जाँच के अनुसार, कई दिनों की भारी बारिश के बाद हुई अचानक और भीषण बारिश को इस आपदा का मुख्य कारण माना जा रहा है। विद्रोही समूह ने बताया कि इस दुर्घटना में गाँव के सभी निवासियों की मौत की आशंका है, जिनकी संख्या एक हज़ार से ज़्यादा थी। यह इलाका मुख्य रूप से खट्टे फलों के उत्पादन के लिए जाना जाता था।
एसएलएम ने इस भूस्खलन को “भयानक और विनाशकारी” बताते हुए कहा कि एक पूरी बस्ती मिट्टी में दब गई है। समूह ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियों से शवों को निकालने और मानवीय सहायता प्रदान करने की अपील की है।
हालाँकि, एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सूडान में २०२३ से सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच चल रहे गृहयुद्ध के कारण, यह प्रभावित क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के लिए लगभग दुर्गम हो गया है। इस वजह से बचाव कार्यों में भी गंभीर बाधाएँ आ रही हैं।
दुनिया भर की मानवीय एजेंसियाँ इस आपदा के बाद दारफुर में स्थिति पर करीब से नज़र रख रही हैं। अभी तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कोई खास मदद नहीं पहुँची है।
