असम के डिमा हासाओ में भूस्खलन से ट्रेन सेवा बाधित, त्रिपुरा और बराक घाटी से रेल संपर्क टूटा, राहत कार्य जारी

अगरतला, 3 जुलाई : रेल यात्रा में असुविधा थमने का नाम नहीं ले रही है। त्रिपुरा और असम के बराक घाटी के यात्रियों के लिए यह मानसून एक बार फिर दुःस्वप्न बन गया है। एक बार फिर से लमडिंग-बदरपुर पहाड़ी रेल खंड पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन के चलते रेल सेवा पूरी तरह बाधित हो गई है। दोपहर करीब 2:45 बजे दिहाखो और मुपा स्टेशनों के बीच किलोमीटर 51/2-3 के पास यह भूस्खलन हुआ, जिसमें लगभग 30 बड़े बोल्डर और करीब 100 घनमीटर मिट्टी पटरी पर आ गिरी। पहाड़ से अब भी छोटे पत्थर गिरते जा रहे हैं, जिससे खतरा बरकरार है।

भूस्खलन की जानकारी मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए और बहाली का कार्य शुरू कर दिया। रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक पटरियों से मलबा पूरी तरह नहीं हटाया जाता, तब तक ट्रेन संचालन रोक दिया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए गुवाहाटी, लमडिंग, शिलचर, बदरपुर और अगरतला स्टेशनों पर हेल्प डेस्क शुरू किए गए हैं। रेलवे प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है और जल्द ही इस संबंध में आगे की जानकारी साझा की जाएगी। घटना के समय शिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15616) को एक तैनात गार्ड ने समय रहते रोक दिया। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को सुरक्षित रूप से मुपा स्टेशन पर वापस ले आया।

रेल ट्रैक से मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी मौके पर भेजी गई है। दो एक्सकावेटर पहले ही किलोमीटर 53/2-3 पर काम शुरू कर चुके हैं। एक जेसीबी को मुपा स्टेशन पर ट्रैक के माध्यम से लाया जा रहा है, जिसे बीएफआर पर लोड कर घटनास्थल पर ले जाया जाएगा।

इस घटना के कारण कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। 15616 शिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस दोपहर 3:18 बजे मुपा लौट आई है। 13174 कंचनजंघा एक्सप्रेस शाम 4:05 बजे माक्सोपुर पहुंची है और वहीं रोकी गई है। 12520 अगरतला-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस शाम 4:00 बजे न्यू हाफलांग पहुंची और वहीं खड़ी है। 15618 दुल्लवछड़ा-गुवाहाटी एक्सप्रेस दोपहर 3:47 बजे दुल्लवछड़ा से रवाना हुई और न्यू हाफलांग जंक्शन पर रोकी गई है। 14619 अगरतला-फिरोजपुर एक्सप्रेस दोपहर 3:45 बजे जाटिंगा लम्पुर में क्रॉसिंग के लिए पहुंची और वहीं रुकी हुई है।

गौरतलब है कि इससे पहले 23 जून को भी न्यू हाफलांग और जाटिंगा लम्पुर स्टेशनों के बीच भूस्खलन के कारण इस रूट पर ट्रेन सेवाएं निलंबित की गई थीं। रेलवे के अनुसार, इस संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्र में मानसून के दौरान लगातार भूस्खलन की घटनाएं एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।