आईएनएस अरनाला को आज भारतीय नौसेना में किया जाएगा शामिल

विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में आज देश के पहले पनडुब्बी-रोधी शैलो वाटर क्राफ्ट आईएनएस अरनाला को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा है। समारोह की अध्यक्षता प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान करेंगे।

आईएनएस अरनाला भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले 16 पनडुब्बी-रोधी शैलो वाटर क्राफ्ट पोतों में से पहला है। इसे पिछले महीने की 8 तारीख को नौसेना को सौंपा गया था। इसका नाम महाराष्ट्र के तट पर ऐतिहासिक अरनाला किले के नाम पर रखा गया है।

इस पोत का डिजाइन और निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने एलएंडटी शिपबिल्डर्स के सहयोग से किया है। यह जहाज 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से निर्मित है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का प्रतीक है। इस जहाज की लंबाई सतहत्तर दशमलव 6 मीटर है, इसका विस्थापन 1 हजार 490 टन से अधिक है। डीजल इंजन-वाटरजेट प्रणोदन प्रणाली से संचालित यह सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक जहाज है।

आईएनएस अरनाला को नौसेना में शामिल किए जाने से भारत की तटीय रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता मिलेगी और यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को एक आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।