अपर न्‍यायाधीशों सहित उच्‍च न्‍यायालयों के सभी न्‍यायाधीशों को पूरी पेंशन और सेवानिवृत्‍त लाभ पाने का अधिकार: सर्वोच्‍च न्‍यायालय

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने एक महत्‍वपूर्ण फैसले में कहा है कि अपर न्‍यायाधीशों सहित उच्‍च न्‍यायालयों के सभी न्‍यायाधीशों को पूरी पेंशन और सेवानिवृत्‍त लाभ पाने का अधिकार है। शीर्ष न्‍यायालय ने आज कहा कि न्‍यायालयों के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीशों को पेंशन के रूप में प्रति वर्ष 15 लाख रूपये मिलेंगे। ऐसा न करने पर इसे संविधान के अनुच्‍छेद-14 के अंतर्गत समानता के अधिकार का उल्‍लंघन माना जाएगा।

शीर्ष न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश बी०आर० गवई और न्‍यायमूर्ति ऑगस्‍टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा है कि सभी को पेंशन दी जाएगी चाहे उनकी नियुक्ति कभी भी हुई हो और वे अपर न्‍यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए हो या उन्‍हें बाद में स्‍थायी किया गया हो।

न्‍यायालय ने कहा कि न्‍यायाधीशों में उनकी नियुक्ति के समय या उनके पद के आधार पर भेदभाव करना, मूल अधिकारों का उल्‍लंघन माना जाएगा।
शीर्ष न्‍यायालयों ने कहा कि उच्‍च न्‍यायालय के दिवंगत अपर न्‍यायाधीशों के परिजनों को भी स्‍थायी न्‍यायाधीशों के परिजनों की तरह समान पेंशन और सेवानिवृत्‍त के लाभ मिलेंगे।