एयर ऑपरेशन महानिदेशक एयर मार्शल ए. के. भारती ने कहा है कि भारत की लड़ाई आतंकवादियों और उनके सहयोगी ढांचे से है, न कि पाकिस्तानी सेना से। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप करके आतंकवादियों का पक्ष लिया, जिसके कारण भारतीय सशस्त्र बलों को उसको करारा जवाब देना पड़ा। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में एयर मार्शल भारती ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को किसी तरह कम से कम नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत वायु रक्षा प्रणालियों के बारे बताया कि इसमें सेना, नौसेना और वायु सेना की रक्षा प्रणालियां शामिल हैं। डीजीएओ ने कहा कि इस मजबूत वायु रक्षा, एडी प्रणाली में कई तरह के बहुस्तरीय एडी सेंसर और हथियार प्रणाली शामिल हैं।
एयर मार्शल भारती ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा बड़ी संख्या में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों को स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और वायु रक्षा कर्मियों द्वारा विफल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत की युद्ध प्रणालियां समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं।
उन्होंने आकाश प्रणाली जैसी स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों के शानदार प्रदर्शन के बारे में भी बताया। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा अत्याधुनिक उपकरण और हथियार प्रणाली प्राप्त करने में बजटीय और नीतिगत समर्थन के कारण शक्तिशाली ए.डी. वातावरण को रखना और संचालित करना संभव हो पाया है।
पिछले सप्ताह दुश्मन के खतरे का मुकाबला करने में हासिल परिणामों पर एयर मार्शल भारती ने कहा कि चीनी मूल की पाकिस्तान की पीएल-15 मिसाइल लक्ष्य से चूक गई और लोइटर म्यूनिशन और मानव रहित हवाई प्रणालियों को नष्ट कर दिया गया। भारत की आक्रामक कार्रवाइयों पर डीजीएओ ने नूर खान एयरबेस और रहीम यार खान एयरबेस पर हमलों पर उन्होंने कहा कि भारत ने दुश्मन के हर हिस्से को निशाना बनाया।
भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने दुश्मन के ड्रोन, लड़ाकू विमान और मिसाइलों को नाकाम किया। इससे देश को कम से कम नुकसान हुआ। सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल इसके लिए पूरी तरह तैयार थे। उन्होंने कहा कि जब भी पाकिस्तान की वायुसेना ने 9 और 10 मई की रात को भारतीय एयरफील्ड और लॉजिस्टिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की, तो उन्हें मल्टीलेयर काउंटर ड्रोन और एयर डिफेंस ग्रिड द्वारा रोका गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास भारत की हवाई रक्षा को भेदने का कोई मौका नहीं था।
डीजीएमओ ने ऑपरेशन में सहयोग के लिए सीमा सुरक्षा बल-बीएसएफ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं के बीच पूर्ण तालमेल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार, विभागों और एजेंसियों तथा देश के 140 करोड़ लोगों का पूरा समर्थन है।
नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि नौसेना एक समग्र नेटवर्क बल के रूप में काम करती है जो सभी क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले खतरों से एक साथ निपटने में सक्षम है। डीजीएनओ ने कहा कि समुद्री बल हवाई क्षेत्र सहित व्यापक समुद्री डोमेन जागरूकता के लिए निरंतर निगरानी और पहचान सुनिश्चित करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि कई सेंसर और इनपुट का उपयोग करते हुए नौसेना खतरों को बेअसर करने के लिए निरंतर निगरानी बनाए हुए है।
डीजीएनओ ने बताया कि मौजूदा गतिरोध में, बड़ी संख्या में मिग- 29 लड़ाकू विमानों और एयर बोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर के साथ नौसेना के विमानों की मौजूदगी ने शत्रु के किसी भी विमान को पास नहीं आने दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने पहलगाम आतंकी घटना के तुरंत बाद, अपनी मिसाइल रोधी और विमान रोधी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया। वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी हवाई हमलों को मकरान तट के पास नियंत्रित रहने के लिए मजबूर किया, जिससे समुद्री क्षेत्र का खतरा टल गया।
