नई दिल्ली, 2 मई : सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को आदेश दिया है कि वे किसी विशेष कंपनी की दवाएं न लिखें और मरीजों को केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखें। राजस्थान उच्च न्यायालय पहले ही यह आदेश पारित कर चुका है।
सर्वोच्च न्यायालय ने दवा कंपनियों की मनमानी से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर इस फैसले का पूरे देश में पालन किया जाए तो इससे महत्वपूर्ण सुधार हो सकते हैं।
न्यायमूर्ति संदीप मेहता, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इससे दवा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को कथित रिश्वत देने का मुद्दा सुलझ जाएगा। राजस्थान में इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि डॉक्टरों को मरीजों के लिए केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखनी होंगी। डॉक्टर मरीजों को किसी विशेष कंपनी की दवा नहीं लिख सकते। अदालत ने कहा कि इस फैसले से चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार आएगा।
