अगरतला, 10 अप्रैल: एसयूसीआई ने रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। आज संगठन के नेता बटाला क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमत को तुरंत वापस लेने समेत तीन सूत्री मांगें कीं।
संगठन के एक नेता ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने रसोई गैस के दाम में प्रति सिलेंडर 50 टका की बढ़ोतरी कर दी है। उज्ज्वला योजना के उपभोक्ता भी इस वृद्धि से अछूते नहीं रहे। सरकार तेल कंपनियों के घाटे को पूरा करने के लिए इस मूल्य वृद्धि को उचित ठहरा रही है। हालांकि, यह बात सभी जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी नहीं की गई है। तेल कम्पनियों ने हजारों करोड़ टका का अतिरिक्त मुनाफा कमाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में 2 टका प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। एसयूसीआई (सी) रसोई गैस की कीमत में इस वृद्धि का कड़ा विरोध करती है। देश के करोड़ों श्रमिक, प्रवासी श्रमिक, स्कीम वर्कर, छोटे व्यवसायी, ग्रामीण कामगार और निम्न वर्ग के आम लोग एक ओर बेरोजगारी और दूसरी ओर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बेलगाम वृद्धि के बीच जीवित रहने का कोई रास्ता नहीं खोज पा रहे हैं। इसके विरोध में आज एसयूसीआई (सी) की पहल पर बटाला, अगरतला में एक विरोध सभा आयोजित की गई।
संगठन ने तीन मांगें रखी हैं। मांगें हैं कि रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमत तुरंत वापस ली जाए, पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाई गई ड्यूटी वापस ली जाए और सरकार मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए।
