राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज देश के समावेशी और सतत विकास के लिए समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान पर जोर दिया। उन्होंने चंड़ीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के 72वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि छात्रों में संवेदनशीलता और राष्ट्र प्रेम की भावना होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि छात्रों को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए उभरती हुई तकनीकों से परिचित होना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना भी की।
राष्ट्रपति ने प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. आर.जे. हंस-गिल को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि और सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री निवेदिता रघुनाथ भिड़े को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
इसके अलावा, कई प्रतिष्ठित हस्तियों को उनके संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी सम्मानित किया गया।
डॉ. गुरतेज सिंह संधू को विज्ञान रत्न, डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी को साहित्य रत्न, डॉ. पुष्विंदर जीत सिंह को उद्योग रत्न और डॉ. जसपिंदर नरूला को कला रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने मनु भाकर को खेल रत्न से सम्मानित किया।