नीति आयोग ने गुणवत्तापूर्ण उच्‍च शिक्षा के विस्‍तार पर अपनी रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष सुमन बेरी, मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रह्मण्‍यम और सदस्‍य डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कल नई दिल्‍ली में राज्‍यों और राज्‍यों के सरकारी विश्‍वविद्यालयों के माध्‍यम से गुणवत्तापूर्ण उच्‍च शिक्षा के विस्‍तार पर आयोग की रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर श्री बेरी ने आशा व्‍यक्‍त की कि रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों को केंद्रीय और राज्‍य सरकारों के मंत्रालयों की ओर से उत्‍साहपूर्वक लागू किया जाएगा। उन्‍होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थानों और राज्‍यों के सरकारी विश्‍वविद्यालयों जैसी संस्‍थाओं से उच्‍च गुणवत्ता के लिए प्रयास करने का भी आह्वान किया।

नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रह्मण्‍यम ने इस बात का उल्‍लेख किया की राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्‍य उच्‍च शिक्षा प्रणाली में छात्रों का नामांकन 2035 तक बढ़ाकर दोगुना यानी लगभग नौ करोड़ करना है। उन्‍होंने इस रिपोर्ट को नीति आयोग का महत्‍वपूर्ण योगदान बताया और कहा कि भारत में उच्‍च शिक्षा प्रणाली में बदलाव में इससे सहायता मिलेगी। 

नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. विनोद कुमार पॉल ने रिपोर्ट को नई शिक्षा नीति को लागू करने और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के संदर्भ से जोड़ा। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि देश में मानव पूंजी के निर्माण और भारत को ज्ञान का वैश्‍विक केंद्र बनाने के लिए राज्‍यों के सरकारी विश्‍वविद्यालयों में सुधार आवश्‍यक है क्‍योंकि देश में 80 प्रतिशत उच्‍च शिक्षा इन्‍हीं संस्‍थानों में दी जाती है। 

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