बजट का लक्ष्‍य विकास में तेजी लाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करना, निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ाना: निर्मला सीतारमण

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्‍द्रीय बजट – 2025-2026 प्रस्‍तुत करते  हुए  कहा कि इसका लक्ष्‍य विकास में तेजी लाना,समावेशी विकास सुनिश्चित करना, निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि और देश के मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ाना है।उन्‍होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पिछले 10 वर्षों में अर्थव्‍यवस्‍था के विकास की गति और ढांचागत सुधारों ने विश्व का ध्यान देश की ओर आकर्षित किया है। उन्‍होंने कहा कि अगले 5 वर्षों को हम सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास में तेजी लाते हुए ‘सबका विकास’की परिकल्‍पना को साकार करने के अद्वितीय अवसर के रूप में देखते हैं।

2. वित्‍तमंत्री ने महान तेलुगु कवि गुराजादा अप्पा राव का कथन ‘किसी भी देश का अस्तित्‍व केवल उसकी मिट्टी से नहीं, बल्कि उसके लोगों से है।’को साझा करते  हुए कहा कि इसके अनुरूप, विकसित भारत में गरीबी से मुक्ति शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षाप्रदान करना और बेहतर, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी की पहुंचहमारा उद्देश्‍य है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार का लक्ष्‍य शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगारप्रदान करना है। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाओं औरदेश को ‘विश्‍व का भोजन प्रदाता बनाने वाले किसानों का प्रमुख योगदान है।

3. वित्‍तमंत्री ने कहा कि प्रस्‍तावित बजट में विकास के उपाय गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को ध्यान में रखकर दस व्यापक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।इनमें कृषि का विकास और उत्पादकता में वृद्धि, भारत में विनिर्माण बढ़ाना और मेक इन इंडिया की गति में तेजी लाना शामिल है। उन्‍होंने कहा कि बजट से सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों को सहायता प्रदान करना, रोजगार में वृद्धि, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश, निर्यात में वृद्धि औरनवाचार पोषित होगा।

4. वित्‍तमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था के विकास के लिएहमारे चार शक्तिशाली इंजनों में कृषि, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योग, निवेश और निर्यातशामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इस बजट का उद्देश्य अगले 5 वर्ष में कराधान, विद्युत क्षेत्र, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्रऔरविनियामक सुधारसे हमारी विकास क्षमता और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि करना है। 

5. वित्‍तमंत्री ने प्रधानमंत्री  धन-धान्य कृषि योजना और विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम की  घोषणा की। इसके अंतर्गत मौजूदा योजनाओं और विशिष्ट उपायों को  शामिल करते  हुए कम उत्पादकता, कम फसलों की बुआई और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य संवर्धित कृषि उत्पादकता, फसल विविधता और सतत कृषि प्रणालियों को अपनानाहै। उन्‍होंने कहा कि इसमें पंचायत और प्रखंड स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाना शामिल है। श्रीमती सीमारामन ने कहा कि इस योजना में सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना और दीर्घ-अवधि तथा लघु-अवधि ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाना शामिल है। उन्‍होंने कहा कि इससेएक करोड़ 70 लाख किसानों को सहायता मिलने की संभावना है।

6. वित्‍तमंत्री ने ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माणकी घोषणा करते हुए कहा कियह योजना राज्यों की भागीदारी से शुरू की जाएगी। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में कम रोजगार की समस्‍या का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। उन्‍होंने कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्‍त अवसर पैदा करते हुए प्रवास हो विकल्प की जगह अनिवार्यता बनाना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, उपेक्षित और छोटे किसानों तथा भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित करेगा। वित्‍तमंत्री ने कहा कि बहुपक्षीय विकास बैंकों से उपयुक्त तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इसके पहले चरण में, 100 विकासशील कृषि जिलों को सम्मिलित किया जाएगा।

7. वित्‍तमंत्री ने कहा कि सरकार खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन कार्यान्वित कर रही है। उन्‍होंने कहा कि दस वर्ष पहलेहमारे ठोस प्रयासोंसे दलहनों में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सफलता पाई थी। उन्‍होंने कहा कि किसानों ने दलहन का फसल क्षेत्र 50 प्रतिशत तक बढ़ाकर इसमें सहयोग दिया। उन्‍होंने  कहा कि आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता के साथ दलहनों की हमारी खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।वित्‍तमंत्री ने कहा कि सरकार, अरहर, उड़द और मसूर के उत्‍पादन पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” प्रारम्भ करेगी। 

8. वित्‍तमंत्री  ने कहा कि पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ना समाज के स्वस्थ बनने की निशानी है। उन्‍होंने कहा कि आय स्तर बढ़ने से सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उपयोग अत्यधिक बढ़ रहा है। उन्‍होंने उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिएसब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रमकी घोषणा की। यह कार्यक्रम राज्यों की भागीदारी से शुरू किया जाएगा। 

9. वित्‍तमंत्री  ने कहा कि मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। इसके लिए लोगों को कृषि उत्‍पादक संगठन- एफपीओ में संगठित किया जाएगा। यह बोर्ड मखाना किसानों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण सहायता उपलब्ध कराएगा। 

10. वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा किराष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का कार्यान्वयन किया जाएगा। इसका उद्देश्य अनुसंधान को बढ़ावा देना, उच्च पैदावार, कीट रोधी और जलवायु अनुकूल गुणों से संपन्न बीज तैयार करनाहै। 

11. वित्‍तमंत्री ने कहा किभारत मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। उन्‍होंने कहा कि समुद्री खाद्य निर्यात का मूल्य 60 हजार करोड़ रुपये है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार ने अंडमान-निकोबार तथा लक्षद्वीप में गहरे समुद्रों में मछली पकड़ने को प्रोत्‍साहन देने के लिए अनुकूल रूपरेखा तैयार की  है।

12. वित्‍तमंत्री नेकपास उत्‍पादक किसानों के लाभ के लिए ‘कपास उत्पादकता मिशन’ की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि इस पंच-वर्षीय मिशन से कपास की  खेती में पर्याप्त सुधार में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि वस्त्र क्षेत्र के लिए हमारे फाइव-एफ की  परिकल्‍पना के अनुरूप, इससे किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी और गुणवत्तापूर्ण कपास की उचित आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

13. श्रीमती सीतारामन ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड से लगभग आठ करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋण प्राप्‍त होता है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण सीमा 3 लाख रुपये  से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है। 

14. वित्‍तमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्वी क्षेत्र के तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को फिर से चालू किया है। उन्‍होंने कहा कि यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में 12 लाख 70 हजार मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा। 

15. वित्‍तमंत्री ने कहा कि डेढ़ लाख ग्रामीण डाकघरों में  कार्यरतपोस्‍ट पेमेंट बैंक और दो लाख चालीस हजार डाक सेवकों की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान डाली जाएगी। उन्‍होंने  कहा कि भारतीय डाक को विशाल सार्वजनिक लॉजिस्टिक संगठन के रूप में बदला जाएगा। इससे विश्वकर्माओं, नए उद्यमियों, महिलाओं, स्व-सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा बड़े कारोबारी संगठनों की बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।     

16. वित्‍तमंत्री  ने कहा किवर्तमान में साढ़े सात करोड़ लोगों को रोजगार देने और विनिर्माण में 36 प्रतिशत का योगदान करने वाले 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम – एमएसएमई भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इन एमएसएमई का गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ निर्यात में 45 प्रतिशत योगदान है। वित्‍तमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिएऋण सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़की जाएगी। इससे अगले 5 वर्षों में डेढ़ लाख करोड़रुपये के अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होंगे। उन्‍होंने कहा कि स्टार्ट-अप के लिए, ऋण सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़रुपये की गई है। 

17. वित्‍तमंत्री ने कहा कि उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाखरुपये की सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड शुरू किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि इस  योजना में पहले वर्ष में, 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे। श्रीमती  सीतारामन ने कहा  कि पांचलाख महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातिके उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इससे अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध होगा।

18. वित्‍तमंत्री ने जूता और चमड़ा क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिएविशेष उत्पाद योजना कार्यान्वित की जाएगी। इस योजना से 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने, 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात होने की संभवना है। 

19. वित्‍तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना के आधार पर, देश को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने की योजना कार्यान्वित की जाएगी। इस योजना से ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करने  वाले उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे, नवीन और पर्यावरण अनुकूल खिलौने बनेंगे। 

20. श्रीमती सीतारामन ने कहा कि केन्‍द्र बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करेगा। इस संस्थान से पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगीऔर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, उद्यमशीलता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।उन्‍होंने कहा कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्‍साहन के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्यमों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना करेगी। वित्‍तमंत्री ने कहा कि जलवायु-अनुकूल विकास की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, यह मिशन स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण को सहायता प्रदान करेगा।

इसका उद्देश्य घरेलू मूल्यवर्धन में पर्याप्त सुधार करना और सौर पीवी सैल, इलेक्ट्रिक वाहन-ईवी बैटरी, मोटरों और कंट्रोलर, इलेक्ट्रोलाइजर, विंड टर्बाइन, अत्यधिक वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरियों की व्‍यवस्‍था तैयार करना है। 

21. वित्‍तमंत्री ने कहा कि सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण कार्यक्रम के दूसरे चरण से देश भर में 8 करोड़ से अधिक बच्चों, एक करोड़ गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगभग 20 लाख लड़कियों को पोषण सहायता मिलती है। उन्‍होंने कहा कि पोषण संबंधी सहायता के लिए लागत मानदण्डों को समुचित रूप से बढ़ाया जाएगा।

22. श्रीमती सीतारामन ने कहा कि बच्चों में जिज्ञासा और नवाचार की भावना तथा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में पचास हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

23. वित्‍तमंत्री ने कहा कि स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजीटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना कार्यान्वित करने की योजना है। इसका लक्ष्य विद्यार्थियों को अपने विषयों को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करना है।उन्‍होंने  कहा कि वैश्विक विशेषज्ञता और भागीदारी के साथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापनाकी जाएगी। इससे विनिर्माण के लिए “मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड”के आवश्यक कौशलों से युवाओं को सुसज्जित किया जाएगा। 

24. वित्‍तमंत्री  ने कहा कि 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थानों-आईआईटी में विद्यार्थियों की कुल संख्या में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पिछले 10 वर्षों में 65 हजार से बढ़कर एक लाख 35 हजार  हो गई है। उन्‍होंने कहा कि आईआईटी-पटना में छात्रावास और अन्य अवसंरचना संबंधी क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि 500 करोड़ के परिव्यय से शिक्षा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

25. श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार ने पिछले दस वर्षों में लगभग एक लाख दस हजार स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा सीटों में वृद्धि की है। यह वृद्धि 130 प्रतिशत है। उन्‍होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में 75 हजार अतिरिक्‍त चिकित्‍सा सीटों को जोड़ने का लक्ष्यहै। वित्‍तमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष चिकित्‍सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में 10हजार अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी।

26. वित्‍तमंत्री ने कहा कि सरकार अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए  जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित होंगे। 

27. श्रीमती  सीतारामन ने कहा कि केन्‍द्र  ने शहरी गरीबों और कमजोर समूहों को सहायता प्रदान करने में प्राथमिकता दी है। उन्‍होंने कहा कि शहरी कामगारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए शहरी आजीविका सुदृढ़ीकरण योजना कार्यान्वित की जाएगी, जिससे उनकी आय बढ़ाने और जीवन का बेहतर स्तर प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। 

28. वित्‍तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना-एनपीएस के लिए उपलब्ध कर लाभ एनपीएस वात्सल्य खातों में किए गए अंशदानों के लिए भी उपलब्ध होंगे। 

29. वित्‍तमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहकर्त्ताओं के साथ हमारी पांडुलिपि के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शुरू करने की घोषणा की। इसमें एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को शामिल किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली का एक राष्ट्रीय डिजिटल संग्रह स्थापित किया जाएगा।

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