अगरतला, 20 जनवरी: एसएफआई-टीएसयू सदर और दुकली संभागीय समितियों के नेता आज पांच मांगों को लेकर शिक्षा भवन अभियान में शामिल हुए, जिनमें स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक संकट को समाप्त करना और विद्याजोति परियोजना को रद्द करना शामिल है। इस दिन विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राजधानी के पैराडाइज चौमुहानी से शिक्षा भवन तक मार्च निकाला।
एसएफआई के राज्य सचिव संदीपन देब ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद विभिन्न सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं। इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र पर भी लगातार हमले हो रहे हैं। इसके अलावा, विभिन्न स्कूलों में लगभग 10,000 शिक्षकों की कमी हुई है। यहां तक कि राज्य के कॉलेजों में भी शिक्षकों की कमी है। भाजपा सरकार के शासन में राज्य की शिक्षा व्यवस्था दयनीय स्थिति में है। इसलिए दो छात्र युवा संगठनों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर शिक्षा भवन के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा भवन के निदेशकों को इस कार्रवाई के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था। लेकिन अभी तक उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है। उनकी मांगें हैं कि सरकारी स्कूल बंद न किए जाएं, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर की जाए, विद्याजोति परियोजना रद्द की जाए, शिक्षा की लागत कम की जाए और नियमित वजीफा दिया जाए।