गुवाहाटी, 11 जनवरी : असम के प्रमुख पहाड़ी जिले दीमा हासाओ के उमरंगसो क्षेत्र के तीन किलो काला मिट्टी से बाढ़ग्रस्त ’19 नंबर असम कोयला खदान’ से आज शनिवार सुबह भारतीय सेना और एनडीआरएफ के अभियानकर्ताओं ने 23 वर्षीय स्थानीय निवासी लिगेन मोगर के शव को बरामद किया।
खदान दुर्घटना के छठे दिन आज (शनिवार) सुबह करीब 7:36 बजे भारतीय सेना और एनडीआरएफ की 1 नंबर बटालियन के गोताखोरों ने लिगेन मोगर के शव को बरामद किया। मोगर की पहचान 23 वर्षीय उमरंगसो के कालापानी बस्ती के निवासी के रूप में की गई। शव को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उमरंगसो थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है।
एनडीआरएफ के टीम कमांडर इंस्पेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि आज सुबह बाढ़ग्रस्त खदान की गहराई में प्रवेश करने के बाद एक मानव शरीर को तैरते हुए पाया और उसे ऊपर लाया गया। पहचान के बाद मृतक की पुष्टि लिगेन मोगर के रूप में की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा ने हादसे के बाद जारी की गई सूची में नौ श्रमिकों का जिक्र किया था, जिनमें से दो के शव बरामद हो चुके हैं। अब भी सात श्रमिक खदान में फंसे हुए हैं।
तीसरे दिन (8 जनवरी) को लगभग सुबह 8:45 बजे 1 नंबर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और 21 नंबर आर्मी पैरा डाइवर्स के जवानों ने 42 वर्षीय नेपाली निवासी राजेन शेरच (गंगाबहादुर श्रेष्ठ) के शव को बरामद किया था। 8 जनवरी के बाद 9 और 10 जनवरी के अभियानों में सफलता नहीं मिली।
कल रात को अभियान रोक दिया गया था, लेकिन आज सुबह से फिर से शुरू कर दिया गया है। पूरे रात कोल इंडिया, नौसेना और ओएनजीसी की पांच पंपों की मदद से खदान से पानी निकालने का काम जारी है। प्रति घंटे 1,93,600 लीटर पानी निकालने की क्षमता है। अब तक जल स्तर 6 मीटर कम हो चुका है। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर रोशन कुमार ने बताया कि 24 घंटे का ऑपरेशन जारी है।
गौरतलब है कि असम के प्रमुख पहाड़ी जिले दीमा हासाओ के उमरंगसो क्षेत्र में असम-मेघालय अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित ’19 नंबर असम कोयला खदान’ में बाढ़ के कारण कई श्रमिक फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है। अब तक दो श्रमिकों के शव बरामद किए जा चुके हैं और अन्य श्रमिकों को बचाने के प्रयास जारी हैं।
विभिन्न विश्लेषणों में खदान के पानी में आर्सेनिक, पारा, मैंगनीज, निकल, सीसा, तांबा और लोहे की उच्च मात्रा पाई गई है। रात-दिन 24 घंटे चल रहे इस ऑपरेशन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन एजेंसियां अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं।