केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज भारतीय स्टेट बैंक की अतुलनीय विकास गाथा की सराहना की। मुंबई में भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा भवन के शताब्दी समारोह में वित्त मंत्री ने कहा कि इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बनाने के लिए तीन प्रेसीडेंसी बैंकों का विलय किया गया था, जो आज भारतीय स्टेट बैंक बन चुका है। इस बैंक की 1920 के दशक में दो सौ पचास शाखाएं थीं।
आज भारतीय स्टेट बैंक की 22 हजार पांच सौ से अधिक शाखाएं, 65 हजार एटीएम, 85 हजार बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट और 50 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक फॉर्च्यून-500 में सूचीबद्ध एकमात्र भारतीय बैंक है।
श्रीमती सीतारामन ने देश में डिजिटल बैंकिंग को बढाने और इसका विकास करने के लिए भी भारतीय स्टेट बैंक की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह बैंक प्रतिदिन 20 करोड़ यूपीआई लेनदेन का निपटारा कर सकता है। वित्त मंत्री ने भारतीय स्टेट बैंक को इसके देश भर में फैले 43 विरासत भवनों को संरक्षित करने के लिए भी प्रेरित किया।
श्रीमती सीतारामन ने इस अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक का विकास खंड 5 शीर्षक की एक पुस्तक और भारतीय स्टेट बैंक का विकास खंड I, II, III IV और V शीर्षक के ऑडियो बुक का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम के दौरान वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू और भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सी. एस. शेट्टी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।