प्रधानमंत्री ने धनतेरस पर रोजगार मेले में 51 हजार युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को धनतेरस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेले में 51 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। प्रधानमंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि देश के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, ये हमारा कमिटमेंट है।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देशवासियों को धनतेरस और दीपावली की शुभकामनाएं दीं। इस वर्ष की दीपावली को विशेष बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 500 वर्षों के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहली दीपावली है। इस दीपावली का इंतजार कई पीढ़ियों ने किया है, जबकि कई लोगों ने इसके लिए अपने प्राणों की आहुति दी है या विपत्तियों का सामना किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान पीढ़ी ऐसे उत्सवों को देखने और उनका हिस्सा बनने के लिए बेहद भाग्यशाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्सव के माहौल में 51,000 युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती पत्र सौंपे जा रहे हैं। उन्होंने नए भर्ती हुए लोगों को बधाई दी और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लाखों युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरी देने का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए सहयोगियों द्वारा शासित राज्यों में भी लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा में 26,000 युवाओं को नई सरकार द्वारा नौकरी मिलने से उत्सव का माहौल है। हरियाणा में भाजपा की सरकार की पहचान बिना किसी खर्च या सिफारिश के नौकरी देने की है।

प्रधानमंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि देश के युवाओं को अधिकतम रोजगार मिलना चाहिए। सरकार की नीतियों और निर्णयों का रोजगार सृजन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने देशभर में तमाम विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल नागरिकों को लाभ हो रहा है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। कल गुजरात के वडोदरा की अपनी यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र के लिए एक विमान निर्माण सुविधा का उद्घाटन करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे हजारों नागरिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जबकि एमएसएमई उद्योगों को स्पेयर पार्ट्स और अन्य उपकरणों के निर्माण से बहुत लाभ होगा, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक विशाल नेटवर्क तैयार होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार की नीतियों के कारण भारत के खादी उद्योग में काफी बदलाव आया है और इसका असर गांवों के लोगों पर पड़ा है। खादी ग्रामोद्योग का कारोबार आज डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। 10 साल पहले की तुलना में प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी की बिक्री में 400 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जिससे बुनकरों और कारोबारियों को लाभ हुआ है और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए। मोदी ने लखपति दीदी योजना का भी जिक्र किया, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में शामिल हुई हैं।” उन्होंने कहा कि 10 करोड़ महिलाएं स्व-रोजगार के कारण कमाने लगी हैं और सरकार ने इन्हें पूरी तरह सपोर्ट किया है। तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 1.25 करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं और उनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। पिछली सरकारों पर स्पष्ट नीतियों और इरादों की कमी का अभाव बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में नई तकनीकें आती थीं। लेकिन भारत में हम उनका इंतजार करते थे, ये सोचकर कि ये दुनिया के पास आ गई है, हमारे पास कब आएगी। जो तकनीक पश्चिमी देशों में पुरानी और बेकार हो जाती थी, वो हमारे पास आ जाती थी। ये मानसिकता बना दी गई कि हमारे देश में आधुनिक तकनीक विकसित नहीं हो सकती। इस मानसिकता से कितना बड़ा नुकसान हुआ, भारत न सिर्फ आधुनिक विकास की दौड़ में पिछड़ गया, बल्कि रोजगार के सबसे महत्वपूर्ण स्रोत भी हमसे दूर होने लगे। आधुनिक दुनिया में अगर रोजगार पैदा करने वाले उद्योग नहीं होंगे, तो रोजगार कैसे मिलेगा? इसीलिए हमने देश को पिछली सरकारों की उस पुरानी सोच से मुक्त करने के लिए काम करना शुरू किया है। अंतरिक्ष क्षेत्र से लेकर सेमी कंडक्टर तक, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक, हमने हर नई तकनीक में प्रगति की है।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि आज सरकार भारत के युवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास पर बहुत ध्यान दे रही है। इसलिए, उन्होंने कहा कि सरकार ने कौशल भारत जैसे मिशन शुरू किए हैं और कई कौशल विकास केंद्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई है कि भारत के युवाओं को अनुभव और अवसर के लिए भटकना न पड़े। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में सशुल्क इंटर्नशिप के लिए प्रावधान किए गए हैं, जहां प्रत्येक इंटर्न को एक वर्ष के लिए प्रति माह 5,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक जीवन के कारोबारी माहौल से जुड़ने का मौका मिलेगा और उनके करियर में लाभकारी अनुभव जुड़ेगा।

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