बांग्लादेश की औद्योगिक त्रासदी में 1,135 लोगों की मौत के केस में जेल में ही रहना होगा उद्योगपति सोहेल राणा को

ढाका, 28 अक्टूबर (हि.स.)। बांग्लादेश में हृदयविदारक औद्योगिक त्रासदी के आरोपित उद्योगपति सोहेल राणा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय डिवीजन की तीन सदस्यी पीठ के आज के आदेश से राणा की अंतरिम जमानत पर रिहाई की उम्मीद खत्म हो गई। सोहेल राणा बांग्लादेश की मशहूर कपड़ा फैक्टरी ‘राणा प्लाजा’ का मालिक है। 24 अप्रैल, 2013 को सावर में राणा प्लाजा की नौ मंजिला इमारत ढह गई थी। इस भयावह हादसे में कम से कम 1,135 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर कपड़ा श्रमिक थे और 2,500 से अधिक अन्य घायल हो गए थे।

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र द डेली स्टार की खबर में सोहेल के वकील मोहम्मद शिशिर मनीर के हवाले से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय डिवीजन ने आज अपने चैंबर जज के 2 अक्टूबर के आदेश को बढ़ा दिया। इस आदेश में सोहेल राणा को अंतरिम जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से केस को दो महीने में निपटाने को कहा है। वकील मनीर ने कहा कि अंतरिम जमानत पर रोक का आदेश केस के निपटारे तक जारी रहेगा। इसलिए वह अब रिहा नहीं हो सकता है।

द डेली स्टार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहम्मद अशफाकुल इस्लाम की अध्यक्षता वाली अपीलीय प्रभाग की तीन सदस्यी पीठ ने सोहेल राणा को हाई कोर्ट की अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर यह आदेश पारित किया। अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अरशदुर रऊफ ने सुनवाई के दौरान राज्य का प्रतिनिधित्व किया। 24 अप्रैल, 2013 को सावर में हुए इस हादसे के बाद बांग्लादेश में श्रम और मानवाधिकार मानकों पर सवाल खड़े हुए थे। सावर पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक वली अशरफ ने औद्योगिक त्रासदी के कुछ घंटों बाद जुबो लीग के पूर्व नेता सोहेल राणा, उनके पिता और कई अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।

पुलिस की अपराध शाखा ने 24 मई, 2015 को अदालत को सौंपी जांच रिपोर्ट में सोहेल और 41 अन्य के खिलाफ आरोप लगाए। ढाका जिला और सत्र न्यायाधीश अदालत ने 18 जुलाई, 2016 को सभी के खिलाफ आरोप तय किए। फिलहाल मामला विचाराधीन है।

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