नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (हि.स.)। दुनिया भर के शेयर बाजारों में जारी उथल-पुथल के कारण घरेलू शेयर बाजार को अक्टूबर के महीने में लगातार झटका लग रहा है। पिछले एक महीने की अवधि में सेंसेक्स ऑल टाइम हाई से 7.65 प्रतिशत और निफ्टी 7.98 प्रतिशत की गिरावट का शिकार हो चुके हैं। एक महीने पहले 27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा हुआ था, लेकिन ये सूचकांक पिछले शुक्रवार को गिर कर 79,402.29 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह 27 सितंबर को निफ्टी अभी तक के सर्वोच्च स्तर 26,277.35 अंक तक पहुंचा था, लेकिन पिछले शुक्रवार को ये सूचकांक 24,180.80 अंक के स्तर पर बंद हुआ। सिर्फ 1 महीने की अवधि में ही शेयर बाजार के दोनों सूचकांक जोरदार गिरावट का शिकार हो गए।
बाजार में आई इस गिरावट का असर कई बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स पर भी हुआ है। इंडिविजुअल स्टॉक्स के परफॉर्मेंस पर नजर डालें तो कई स्टॉक ऐसे हैं, जो 1 साल के सर्वोच्च स्तर से 40 प्रतिशत से भी ज्यादा लुढ़क चुके हैं। निफ्टी 50 में शामिल कंपनियों में सबसे जबरदस्त गिरावट इंडसइंड बैंक में आई है, जिसके शेयर 1 साल के हाई से 38.80 प्रतिशत लुढ़क चुके हैं। इसी तरह अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1 साल के हाई से 28.11 प्रतिशत तक गिर चुका है। इसी तरह टाटा मोटर्स के शेयर 1 साल के सर्वोच्च स्तर से 26.71 प्रतिशत तक लुढ़क चुके हैं।
अगर निफ्टी 100 में शामिल कंपनियों की बात की जाए तो इनमें अडाणी टोटल गैस 1 साल के सर्वोच्च स्तर से 42.75 प्रतिशत टूट कर चुका है। इसी तरह आईआरएफसी के शेयर 1 साल के हाई से 41.07 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 37.53 प्रतिशत, बीएचईएल 35.8 प्रतिशत, अडाणी पावर 33.97 प्रतिशत, एनएचपीसी 33.62 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक 32.97 प्रतिशत, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस 31.82 प्रतिशत, आईआरसीटीसी 28.45 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 26.71 प्रतिशत, केनरा बैंक 26.58 प्रतिशत, डी’मार्ट 26.34 प्रतिशत, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 26.31 प्रतिशत, एलआईसी 26.02 प्रतिशत, इंडियन ऑयल 25.51 प्रतिशत और जायडस लाइफ अपने 1 साल के सर्वोच्च स्तर से 25.16 प्रतिशत तक गिरावट का शिकार हो चुके हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले की वजह से अगले कारोबारी सप्ताह के दौरान भी लगातार तनाव की स्थिति बनी रहेगी, जिसके कारण वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट का रुख बना रह सकता है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि ईरान द्वारा किए गए हमले के जवाब में इजरायल ने जिस तरह से लक्षित हमले किए हैं, उससे मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ने की आशंका बन गई है। इजरायल ने एक साथ हमास (फिलिस्तीन), हिज्बुल्लाह (लेबनान) और ईरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसी स्थिति में इस तनाव में और तेजी आने की आशंका जताई जा रही है।
प्रशांत धामी का कहना है कि तनाव बढ़ने पर संस्थागत निवेशक अपना पैसा सुरक्षित रखने के लिए दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में बिकवाली तेज करके अपने पैसे की निकासी कर सकते हैं। ऐसा होने पर दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंज में घबराहट की स्थिति बन सकती है, जिससे शेयर बाजार को बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आने वाली तेजी का प्रत्यक्ष या परोक्ष असर घरेलू शेयर बाजार पर भी पड़ेगा। इसलिए अगले सप्ताह भी उतार-चढ़ाव जारी रहने की आशंका बनी हुई है। इसलिए छोटे और खुदरा निवेशकों को फिलहाल शेयर बाजार से दूर ही रहना चाहिए।