फर्जी दस्तावेजों से आठ हजार करोड़ की जीएसटी चोरी करने वाला गिरफ्तार, सात फरार

मुंबई, 27 अक्टूबर (हि.स.)। वस्तु एवं सेवा कर विभाग(जीएसटी) की टीम ने फर्जी दस्तावेजों से आठ हजार करोड़ की जीएसटी चोरी करने के मामले में आरोपित अशरफ भाई इस्माईल कलावाडिया को मीरा रोड के एक लॉज से गिरफ्तार किया है। जीएसटी टीम ने कलावाडिया के पास से 21 मोबाइल, दो लैपटॉप, 11 सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, चेक बुक, अलग-अलग कंपनियों के नाम की रबर स्टांप जब्त किया है। कलावाडिया को गिरफ्तार कर पुणे की शिवाजीनगर कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक कस्टडी में भेज दिया है।

कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रूनल मुल्ला के अनुसार जीएसटी पुणे डिवीजन के अधिकारी ऋषि प्रकाश (39) ने कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में फर्जी कंपनी के नाम पर दस्तावेज जमा कर 5 हजार से आठ हजार करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी का एक मामला दर्ज करवाया था। इस मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने अशरफ इब्राहिम कलवाडिया, नितिन भागोजी बर्गे, फैसल अब्दुल गफऱ मेवावाला, निज़ामुद्दीन मोहम्मद सईद खान, अमित तेजबहादुर सिंह, राहुल बटुकभैया बरैया, कौशिक मकवाना, जीतेंद्र गोहेल और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से मुख्य आरोपित अशरफ इब्राहिम को जीएसटी टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया था और उन्हें पुणे में कोर्ट में पेश किया गया था। जबकि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।

रुनल मुल्ला के अनुसार जीएसटी अधिकारी ऋषि प्रकाश को अक्टूबर 2023 में पठान इंटरप्राइजेज के खाते की ऑनलाइन जांच करते समय पता चला कि पठान इंटरप्राइजेज ने माल की कोई खरीद या बिक्री नहीं की गई थी, केवल भुगतान किया गया था। इसके बाद पठान एंटरप्राइजेज की खोज की गई, तो पता चला कि जीएसटी पंजीकरण के लिए दिया गया पता फर्जी था। संबंधित कंपनी, पठान शब्बीर खान अनवर खान के नाम पर पंजीकृत किया गया था, जबकि तलाश में पता चला कि पठान शब्बीर खान अनवर खान गुजरात के भावनगर में रिक्शा चालक था और उसी पठान इंटरप्राइजेज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इस कंपनी का बैंक खाता जीत कुकडिय़ा के नाम पर खोला गया था, जांच में पता चला कि वह सुरक्षा रक्षक है।

जीएसटी की जांच टीम ने पुणे, मुंबई के साथ-साथ गुजरात के राजकोट, भावनगर इलाके में भी छानबीन की तो पता चला कि अशरफभाई कलावाडिया ने अपने साथी नितिन बर्ज, फैसल मेवावाला, अमित सिंह, जीतेंद्र गोहेल, कौशिक मकवाना, राहुल बरैया और साथियों के साथ मिलकर जीएसटी टैक्स की चोरी की साजिश रची। उसने जीएसटी टैक्स से बचने के लिए फर्जी नामों से 246 कंपनियां स्थापित कीं और टैक्स चोरी करने वाले कारोबारियों से पैसे लेकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए टैक्स चोरी की। जीएसटी कार्यालय की ओर से जारी शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने सितंबर 2018 से मार्च 2024 तक पांच से आठ हजार करोड़ रुपये की सरकारी टैक्स चोरी की है। जीएसटी की टीम और कोरेगांव पुलिस स्टेशन की टीम इस मामले की गहन छानबीन कर रही है।

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