काठमांडू, 26 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाल के प्रमुख प्रतिपक्षी दल माओवादी ने शनिवार को राजधानी काठमांडू में ओली सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन में माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड खुद सड़क पर जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे। हजारों समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे माओवादी ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ओली सरकार के सौ दिन पूरे होने पर असफल सरकार होने का दावा करते हुए सरकार की कमी कमजोरियों को उजागर किया गया था। विरोध सभा में बोलते हुए माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड ने प्रधानमंत्री ओली द्वारा माओवादी पर सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र किए जाने के आरोप का जवाब दिया। प्रचंड ने कहा कि ओली सरकार को गिराने के लिए कोई भी षड्यंत्र की आवश्यकता नहीं है। यह वह सड़ा हुआ फल है जो खुद ही गिर जाएगा।
प्रचंड ने ओली पर असफल सरकार का नेतृत्व करने और नेपाल का अंतराष्ट्रीय संबंध में खलल डालने का आरोप भी लगाया है। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए प्रचण्ड ने कहा कि तीन महीने पहले जब वो सरकार का नेतृत्व कर रहे थे तब नेपाल के अपने दोनों पड़ोसी देशों के साथ सुमधुर संबंध थे। उन्होंने कहा कि अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत, चीन और अमेरिका का भ्रमण किया था। लेकिन ओली को प्रधानमंत्री बने हुए तीन महीने से अधिक हो गया लेकिन अब तक उनको न भारत से न चीन से और न अमेरिका से औपचारिक भ्रमण का निमंत्रण आया है।
प्रचंड ने कहा कि ओली सरकार हर दृष्टिकोण से विफल है और अपनी विफलता को छुपाने के लिए वो सरकार के गिरने का हल्ला फैला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ओली सरकार से नेपाल की आम जनता तीन महीने के ही त्रस्त हो गई है। इसलिए जनता सड़क से ही इस सरकार को गिरा देगी। प्रचंड ने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि ढाका की सत्ता पर दो तिहाई बहुमत वाली सरकार थी लेकिन जनता जब सड़क पर उतर गई तो दो तिहाई वाले प्रधानमंत्री को देश छोड़ कर भागना पड़ा था।