पीएएफएफ ने बोटा पाथरी आतंकी हमले की ली जिम्मेदारी

श्रीनगर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की एक शाखा पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके बोटापाथरी आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है।

पीएएफएफ ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें एक आतंकवादी बोटापाथरी क्षेत्र के घने जंगल से सेना के वाहन पर रॉकेट दागता हुआ दिखाई दे रहा है। आतंकवादियों द्वारा रॉकेट के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए अधिकारियों ने पुष्टि की कि रॉकेट सेना के वाहन पर नहीं लगा बल्कि उससे कुछ दूरी पर गिरा। अगर रॉकेट वाहन पर लगा होता तो इससे ज्यादा नुकसान हो सकता था।

गुरूवार को गुलमर्ग के बोटापाथरी इलाके में आतंकवादियों द्वारा सेना के वाहन पर हमला किए जाने पर तीन सैन्यकर्मी बलिदान हो और दो सेना के पोर्टरों की मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने पुष्टि की कि आतंकवादियों ने बोटापाथरी में निशाना बनाए गए सेना के वाहन पर रॉकेट दागा लेकिन यह लक्षित लक्ष्य पर नहीं लगा और वाहन के पास ही गिरा जिससे नुकसान कम हुआ। उन्होंने कहा कि रॉकेट का दागा जाना चिंता का विषय है क्योंकि यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर में सेना पर किसी हालिया हमले में इस तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया है। अगर रॉकेट वाहन पर लगा होता तो इससे ज्यादा नुकसान हो सकता था।

उन्होंने कहा कि बोटापाथरी में नियंत्रण रेखा पर हमला करने वाले आतंकवादी समूह ने हाल ही में घुसपैठ नहीं की थी। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह चार आतंकवादियों का समूह था जिन्होंने हमला किया और इस साल की शुरुआत में घुसपैठ की थी। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि यह समूह जिसमें ज्यादातर विदेशी शामिल हैं पिछले कुछ महीनों से बारामुला जिले के जंगलों में था और इसी समूह ने हमला किया। हमले के बाद भागते समय उन्होंने जो निशान देखे हैं, उनसे पता चलता है कि वे उसी इलाके में वापस आ गए हैं जहाँ से वे काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इस समूह का एक आतंकवादी स्थानीय है जबकि बाकी तीन विदेशी हैं। सुरक्षाबल समूह का पता लगाने के लिए मिल रहे सुरागों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के समूह का पता लगाने के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर और विशेष रूप से तंगमर्ग और गुलमर्ग क्षेत्रों में चौकियों को बढ़ाकर तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सेना ने भी ज्यादा सैनिक भेजे हैं जिनमें पैरा कमांडो शामिल हैं और जो आतंकवादियों का पता लगाने के लिए इलाके में और इसके आसपास तलाशी ले रहे हैं।

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