श्रीनगर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज कहा कि सुरक्षाबलों ने उभरते खतरों से निपटने के लिए एक नई रणनीति तैयार की है और कश्मीर में बहाए गए निर्दाेषों के खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा। उपराज्यपाल आज एसटीसी हुमहामा में 629 बीएसएफ रंगरूटों की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे।
उपराज्यपाल ने कहा कि गगनगीर (गंदरबल) में हाल ही में हुए हमले में निर्दाेष मजदूरों की हत्या निंदनीय है। इसी तरह आतंकी हमले में तीन सैनिकों का बलिदान भी निंदा और चिंता की बात है। उपराज्यपाल ने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है लेकिन दुर्भाग्य से हमें एक ऐसा पड़ोसी मिला है, जो अपने देश में घोर गरीबी का सामना करने के बावजूद हमेशा शांति को बाधित करने की कोशिश करता है।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ कई मोर्चों पर सभी चुनौतियों का सामना कर रही है, चाहे वह नियंत्रण रेखा की सुरक्षा हो या अंतरराष्ट्रीय सीमा की। उन्होंने कहा कि बल ने अपनी देशभक्ति और वीरता के लिए ख्याति अर्जित की है। बल को अपने दायरे का विस्तार करने और आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय बलों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने की जरूरत है।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की धरती से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए पुलिस, सेना और बीएसएफ सहित केंद्रीय बलों को सामूहिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बीएसएफ सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बलों में से एक है लेकिन इसे और आगे बढ़ने की जरूरत है।
उपराज्यपाल ने कहा कि ड्रोन चुनौतियों से निपटने के लिए बीएसएफ और बलों को तकनीकी क्षमताओं को उन्नत करने की जरूरत है। उपराज्यपाल ने कहा कि न केवल हथियार बल्कि ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थ भी गिराए जा रहे हैं। हमें इस चुनौती का मुकाबला करने की जरूरत है, क्योंकि नशीले पदार्थ हमारी युवा पीढ़ी को लील रहे हैं। नशीले पदार्थों की बिक्री से अर्जित धन का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया जा रहा है।
उन्होंने बीएसएफ को अपनी तकनीक को उन्नत करने, खुफिया जानकारी साझा करने और क्षेत्र में वर्चस्व बढ़ाने की सलाह दी। उपराज्यपाल ने पंजाब में आतंकवाद से निपटने में बीएसएफ की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि बल के खाते में वीरता और देशभक्ति की महान कहानियां हैं। कश्मीर में बीएसएफ भूमिका सराहनीय है। बीएसएफ आतंकवाद से लड़ने के लिए ही नहीं बल्कि नागरिक मोर्चे पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें स्कूल खोलना, गरीबों की मदद करना और हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटना शामिल है। उन्होंने बीएसएफ को एनसीसी कैडेटों को इस तरह प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया ताकि उन्हें कल बीएसएफ में शामिल किया जा सके। एलजी ने 629 पासआउट के लिए बेहतर भविष्य की कामना भी की।