प्रमोद बोडो ने कोकराझार में बढ़ते मलेरिया से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई के दिये निर्देश

कोकराझार (असम), 24 अक्टूबर (हि.स.)। बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के मुख्य कार्यकारी पार्षद प्रमोद बोडो ने कोकराझार में मलेरिया के मामलों में हो रही चिंताजनक वृद्धि को रोकने के लिए त्वरित सुधारात्मक उपायों के निर्देश दिए हैं। बीटीसी विधानसभा के सभागार में स्थिति की समीक्षा के दौरान, बोडो ने मलेरिया रोकथाम के लिए जागरूकता अभियानों की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जनता को मलेरिया के लक्षणों, संक्रमण के तरीकों और रोकथाम की जानकारी दी जा सके।

इस दिशा में समन्वित प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए, बीटीसी के प्रमुख सचिव आकाश दीप की अध्यक्षता में एक संयुक्त कार्य समिति का गठन किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य सचिव सदस्य सचिव के रूप में शामिल होंगे। इस समिति में कोकराझार आयुक्त, कोकराझार मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे, जो आवश्यक रोकथाम उपायों की निगरानी और क्रियान्वयन करेंगे।

प्रभावित क्षेत्रों में फील्ड स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए, मुख्य कार्यकारी पार्षद बोडो ने गैर-प्रभावित क्षेत्रों से मलेरिया फील्ड स्टाफ की त्वरित तैनाती के निर्देश दिए। उन्होंने कोकराझार जिले में एक एंटोमोलॉजिकल सर्वेक्षण शुरू करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ तुरंत सहयोग करने का भी आह्वान किया।

हालिया रिपोर्टों के अनुसार, कोकराझार में मलेरिया के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जहां 2023 में 256 मामलों की तुलना में इस साल 922 मामलों की पुष्टि हुई है।

बैठक में बीटीसी के स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी पार्षद अरूप कुमार दे, कोकराझार की आयुक्त मासंडा मैगडालिम पार्टिन, कोकराझार मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, बीटीसी के स्वास्थ्य सचिव और वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

बाद में, बोडो ने स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न प्रमुख योजनाओं की समीक्षा भी की, जिनका उद्देश्य एक स्वस्थ बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) को बढ़ावा देना है। प्रस्तुतियों में “आई ओंसाई बिथांग्की” पहल, “नेबरहुड ऑफ केयर” (एनओसी) कार्यक्रम और “बोडोलैंड कैंसर केयर ट्रस्ट” जैसी योजनाएं शामिल थीं, साथ ही इनके बजट और समयसीमा पर भी चर्चा की गई। बैठक में “कम्युनिटीज विजन डॉक्यूमेंट कमेटी” की योजनाओं और गतिविधियों की भी समीक्षा की गई, साथ ही “बीटीआर की सुलह प्रक्रिया: स्थिति और आगे के कदम- शोध और सिविल सोसाइटी प्रक्रिया को जोड़ने” पर एक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला की तैयारियों पर भी चर्चा की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *