कोलकाता, 24 अक्टूबर (हि.स.)। 62वें वालोंग दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने अद्वितीय साहस और उत्साह के साथ 251 किलोमीटर की साइकिल अभियान यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की। कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित सेना के पूर्वी कमान स्थित मुख्यालय से गुरुवार शाम ये जानकारी दी गई है। सेना ने बताया कि ये तीन दिवसीय साहसिक यात्रा लोहित घाटी की मनोरम वादियों से होकर गुजरी और आज नमटी वार मेमोरियल पर इसका समापन हुआ।
यह साइकिल अभियान अरुणाचल प्रदेश सरकार और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको) के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसमें नामसाई, लोहित और अंजाव जैसे तीन सीमावर्ती जिलों की यात्रा की गई। इस अभियान की शुरुआत 21 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री चोना मेन द्वारा स्वर्ण स्तूप से की गई। इस अवसर पर भारतीय सेना, अरुणाचल प्रदेश सरकार और नीपको के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ नामसाई और लोहित के 750 उत्साही स्थानीय लोग भी उपस्थित थे। अभियान में भारतीय सेना के 62 साइकिल चालक, पुणे के साहसिक यात्रियों और स्थानीय साइकिल चालकों ने भाग लिया।
तीन दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में साइकिल चालकों ने कठिन और विविध भूभागों को पार किया, जिसमें कामलांग नगर टाइगर रिजर्व, वाकरो और पवित्र स्थल परशुराम कुंड शामिल थे। यात्रा के दौरान, साइकिल चालकों ने हायुलियांग के स्थानीय समुदाय से बातचीत की और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ स्वास्थ्य और फिटनेस के महत्व पर जोर दिया। साइकिल चालक लोहित नदी के किनारे-किनारे चले और वालोंग गांव से होते हुए अपने अंतिम गंतव्य नमटी तक पहुंचे।
समापन समारोह में टीम के सदस्यों के बीच गहरी मित्रता और शहीदों की याद को सम्मानित करने का भाव देखा गया। यह साइकिल अभियान न केवल साहस और उत्साह का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सेना की सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और देश की रक्षा में शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।