कामेंग संस्कृति एवं विरासत संग्रहालय का उद्घाटन

दिरांग (अरुणाचल प्रदेश), 23 अक्टूबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज कामेंग संस्कृति एवं विरासत संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह एक ऐसा संस्थान है जो अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता एवं विरासत का गवाह है। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान और गजराज कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग एवीएसएम, वाईएसएम के लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह, एसएम ब्लेज़िंग स्वॉर्ड डिवीजन के मेजर जनरल नीरज शुक्ला और दिरांग विधायक फुरपा चेरिंग तथा अरुणाचल प्रदेश के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

यह संग्रहालय दिरांग के आकर्षक गांव न्युकमदुंग में तवांग की सड़क के किनारे स्थित है और यह सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने तथा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अत्याधुनिक संग्रहालय का उद्घाटन भारतीय सेना के ऑपरेशन सद्भावना का हिस्सा है और यह भारत सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से जुड़ा हुआ है।

भारतीय सेना की पहल और अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय समुदायों और राज्य सरकार के मजबूत सहयोग से विकसित यह संग्रहालय अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध प्राचीन परंपराओं और विरासत का प्रतीक है। यह स्थानीय समुदायों की शांति, सुरक्षा और एकता के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की सहकारी भावना का प्रतीक है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि क्षेत्र के गहन सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को उजागर करते हुए, कामेंग संग्रहालय संरक्षण के लिए एक आवश्यक संस्थान है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और उन्हें अतीत की याद दिलाएगा। खांडू ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सद्भावना परियोजनाओं के माध्यम से संग्रहालय की स्थापना और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए भारतीय सेना की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “उन्होंने बीते 11 सितंबर को नई दिल्ली में एक सम्मेलन के दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा बताए गए विजन को तेजी से लागू करने के लिए भारतीय सेना की सराहना की।

मुख्यमंत्री खांडू ने कहा कि कामेंग संग्रहालय सीमावर्ती क्षेत्रों को आदर्श गांवों, सीमा पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास तथा सरकार के ‘जीवंत ग्राम कार्यक्रम’ के अनुरूप बदलने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। उन्होंने कामेंग संग्रहालय के उद्घाटन को सीमा क्षेत्र के लिए रेखांकित व्यापक दृष्टिकोण का श्रेय बताया, जो ‘सीमा पर्यटन’ और ‘सांस्कृतिक पुनरोद्धार’ के माध्यम से क्षेत्र के समावेश, स्थिरता और आर्थिक विकास पर केंद्रित है। उन्होंने राज्य के लोगों के समग्र विकास और ‘अशांत अरुणाचल’ के लिए राज्य सरकार के साथ अपने सहयोगात्मक प्रयासों के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद् दिया। उन्होंने डिजिटल कलाकृतियों के साथ संग्रहालय के निर्माण के लिए प्रोफेसर (डॉ.) मानबी सेठ और उनकी भारतीय विरासत संस्थान की टीम की प्रशंसा की और प्राचीन परंपराओं और अरुणाचल के लोगों के समकालीन जीवन के विवरण को कवर करने वाली दुनिया भर की आकर्षक फिल्म का आनंद लेने के लिए मूनलाइट पिक्चर्स के सीईओ प्रवीण चतुर्वेदी की प्रशंसा की।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने अपने संबोधन में कामेंग क्षेत्र के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला और नागरिक-सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने में भारतीय सेना के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के लोगों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह, जनरल ऑफिसर कमांडिंग एवीएसएम, वाईएसएम, गजराज कोर ने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता दोहराई।

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