प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों में सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार के प्रयासों का किया स्वागत

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ब्रिक्स देशों की आर्थिक क्षमताओं का उल्लेख करते हुए संगठन के अंतर्गत सहयोग बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने स्थानीय मुद्राओं में देशों के बीच व्यापार के प्रयासों का स्वागत किया और भारत की यूपीआई से संबंधित सफलता को ब्रिक्स देशों के साथ साझा करने की पेशकश की।

रूस के शहर कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा विश्वास विविधता और बहुध्रुवीय विश्व में है। मानवता के प्रति हमारा साझा विश्वास और हमारी ताकत अगली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत और समृद्ध भविष्य तय करेगी।

ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय एकीकरण बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय मुद्रा में व्यापार और एक दूसरे के देशों में असानी से भुगतान से हमारा आर्थिक सहयोग मजबूत होगा। भारत में बना यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (यूपीआई) भारत की एक बड़ी सफलता की कहानी है। इसे कई देशों में अपनाया गया है। पिछले साल हमने शेख मोहम्मद के सहयोग से इसे यूएई में भी लॉन्च किया था। इसमें अन्य विदेशी देशों के साथ भी सहयोग किया जा सकता है।

बिक्स सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद देने के साथ प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स के नए अध्यक्ष ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा को शुभकामनायें दीं। उन्होंने नए अध्यक्ष के रूप में ब्राजील को भारत के सहयोग का आश्वासन भी दिया। प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों से जलवायु परिवर्तन से जुड़ी भारत की ओर से लाई गई विभिन्न पहलों से जुड़ने की अपील की और रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स ओपन कार्बन मार्केट पाटरनर्शिप के लिए बनी सहमति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत में भी हरित विकास, जलवायु लचीला बुनियादी ढांचा और हरित ऊर्जा अपनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस, कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर, मिशन लाइफ यानी पर्यावरण के लिए लाइफस्टाइल, एक पेड़ को मां के नाम जैसी पहल दी गई है। पिछले वर्ष कॉप-28 के दौरान हमने ग्रीन क्रेडिट जैसी महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की।.

इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के सभी देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। भारत में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने के लिए हमने स्पीड-शक्ति पोर्टल बनाया है। इससे एकीकृत योजना और कार्यान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिली है और लॉजिस्टिक लागत कम हुई है। हमारा अनुभव आप सभी के साथ साझा करने में हमें खुशी मिलेगी।

मोदी ने ब्रिक्स के नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि यह संगठन विश्व की जनसंख्या के 40 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है तथा विश्व अर्थव्यवस्था में इसकी 30 प्रतिशत भागीदारी है। पिछले दो दशकों के दौरान इसने बहुत उपलब्धियां हासिल की हैं। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में यह संगठन दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों का समाना करने का सशक्त माध्यम बनेगा।

ब्रिक्स देशों को आर्थिक संसाधन मुहैया कराने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान यह बैंक ग्लोबल साउथ के देशों में आर्थिक संसाधनों के लिए एक वैकल्पिक माध्यम बना है। यह बैंक माल आधारित सिद्धांतों पर अपना काम जारी रखेगा तथा इसके विस्तार के दौरान दूरगामी वित्तीय मजबूती, उचित कर्ज और बाजार तक पहुंच का ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि विस्तारित ब्रिक्स संगठन अब 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक अर्थव्यवस्था वाला संगठन बन गया है। विश्व व्यापार संगठन में सुधार के लिए ब्रिक्स देशों के बीच आम राय बनी है। साथ ही कृषि क्षेत्र में व्यापार को सुगम बनाने, सुरक्षित आपूर्ति प्रणाली, ई-कॉमर्स और विशेष आर्थिक जोन से आर्थिक सहयोग मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन हमें छोटे और मझौले उद्योगों के हितों पर भी ध्यान देना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *