काठमांडू, 23 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाल में नए सत्ता समीकरण बने अभी तीन महीने ही हुए हैं कि कई उनमें मतभेद उभरने लगे हैं। खट-पट इतनी तेज हो गई है कि गठबंधन के टूटने की चर्चा होने लगी है। गठबंधन के दो प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक दल विभाजन अध्यादेश लाने को लेकर विवाद के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज सत्तारूढ़ गठबंधन दलों की बैठक बुलाई है।
प्रधानमंत्री के प्रमुख राजनीतिक सलाहकार विष्णु रिमाल ने बताया कि बैठक में सभी विवादों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही सरकार के 100 दिन पूरे होने पर आगे की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी। संसद के डिप्टी स्पीकर को हटाने को लेकर भी सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
रिमाल ने बताया कि राजनीतिक दल विभाजन संबंधी अध्यादेश पर कांग्रेस और एमाले के बीच जो मतभेद हो गए हैं, उन्हें सुलझाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यदि सहयोगी दल नहीं चाहेंगे तो अध्यादेश को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। एकीकृत समाजवादी के 10 में से 5 सांसदों ने प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात कर जल्द से जल्द अध्यादेश लाने की मांग की है। कभी ओली की पार्टी के ही रहे इन सांसदों ने पिछली बार ओली को सत्ता से हटाने के लिए उनसे अलग होकर नई पार्टी बनाई थी।
डिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए भी जनमत पार्टी ने विरोध किया था। बांकी दलों का समर्थन होने के बावजूद छह सांसदों वाली जनमत पार्टी के विरोध के बाद उस प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था। डिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। अगर जनमत पार्टी ने विरोध किया तो ऐसा कर पाना मुश्किल होगा।