मप्र में एक लाख लोगों को मिलेगी सरकारी नौकरी, दिसंबर से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया

– नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित के लिए कलेक्टरों को मिलेगा 10 लाख का फंड, मंत्रिपरिषद ने दी मंजूरी

भोपाल, 22 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के विभिन्न शासकीय विभागों में 01 लाख पदों पर भर्तियां की जाएंगी। दिसंबर तक इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह पद अलग-अलग विभागों में चिह्नित किए गए हैं। पीएससी, कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि सभी कर्मचारियों को दीपावली के पहले 28 अक्टूबर को वेतन दे दिया जाएगा। निगम, मंडल कर्मचारियों को भी इसी दिन यह वेतन का भुगतान होगा। उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए हर अखाड़े को पांच बीघा जमीन दी जाएगी। वहीं, नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित को सहायता देने के लिए हर जिले के कलेक्टर को दस लाख रुपये का फंड दिया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में एक लाख पदों को भरने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के भी 7900 पद शामिल हैं। ये पद तीन नए जिलों में जिला अस्पताल खोलने और 454 चिकित्सा संस्थाओं में रिक्त पदों की भर्ती के लिए तय किए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि बैठक के दौरान प्रदेश की 12670 मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी में उन्नयन को मंजूरी दी गई है। मिनी आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका नहीं होती हैं। इसका उन्नयन होने के बाद अब इन आंगनबाड़ी केंद्रों में 12670 आंगनबाड़ी सहायक और 476 सुपरवाइज़र के पद स्वीकृत किए गए हैं। इस पर 213 करोड़ का वार्षिक खर्च आएगा। इसमें 179 करोड़ राज्य सरकार देगी और 34 करोड़ केंद्र सरकार देगी।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री यादव के उज्जैन सिंहस्थ 2028 को लेकर किए गए फैसले का समर्थन किया गया है। सिंहस्थ के लिए भव्य तैयारियां हो रही हैं। उज्जैन विकास प्राधिकरण रोड, नाली बनाएगा। हर अखाड़े को पांच बीघा जमीन दी जाएगी, जिसमें तीन बीघा में ही निर्माण होगा।

भौगोलिक सीमाओं का पुनर्गठन-

मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह आयोग आगामी चार माह में सभी जिलों का दौरा करेगा। तहसील, विकासखंड, जिला, और संभाग की सीमाओं में परिवर्तन को लेकर लोगों से सुझाव दिए जाएंगे, जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी। उल्लेखनीय है कि आयोग का सदस्य सेवानिवृत आईएएस अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को बनाया गया है। इसका कार्यालय ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय स्थित भवन में रहेगा।

मंत्रिपरिषद की बैठक में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग बच्ची को सरकार द्वारा विभिन्न सुविधा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें पीड़ित को शिक्षा, पुलिस सहायता, मातृत्व और नवजात शिशु देखभाल, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य बीमा, देखरेख संस्थानों में आश्रय आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना में लाभ प्राप्त होने के लिए एफआईआर की प्रति होना आवश्यक नहीं होगा। पीड़ित नाबालिग बालिका को गैर-संस्थागत देखभाल के लिए 4000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे, जो मिशन वात्सल्य के तहत होंगे। योजना का क्रियान्वयन कलेक्टर के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए निर्भया फंड से प्रत्येक जिले को 10 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।

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