नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हिंदी माह समापन समारोह के विरोध में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को लेकर उनकी कड़ी निंदा की है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने शुक्रवार को एक्स पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारी उल्लेखनीय भाषाई विविधता को हमारी सभ्यता की ताकत मानते हैं, वहीं डीएमके के पास भाषा को एक पक्षपातपूर्ण राजनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग करने का एक लंबा इतिहास है। प्रधानमंत्री हमारी महान भाषाई विविधता एवं विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं लेकिन मुख्यमंत्री स्टालिन द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र डॉ.अंबेडकर के विचारों के खिलाफ है और यह सहकारी संघवाद की भावना के विरोध को भी उजागर करता है।
उल्लेखनीय है कि स्टालिन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह के साथ हिंदी माह समापन समारोह मनाए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि देश में हिंदी से ज्यादा बोली जाने वाली और भी भाषाएं हैं, इसलिए हिंदी का पक्ष नहीं लिया जाना चाहिए। हर राज्यवासी को अपनी मातृभाषा से लगाव है। सभी को देश के साथ ही अपनी राज्य की संस्कृति और भाषा से प्यार है। ऐसे में हिंदी भाषा का इस तरह से लोगों के ऊपर थोपा जाना देश के गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए विभाजनकारी प्रक्रिया है।