—विश्व स्तरीय आई केयर यूनिट का निर्माण रु 110 करोड़ के निवेश से, हॉस्पिटल 1.26 लाख वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में
वाराणसी,17 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आधुनिक आर झुनझुनवाला शंकरा सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल का उद्घाटन करेंगे। अस्पताल की स्थापना आई केयर सर्विस प्रदाताओं में से एक शंकरा आई हॉस्पिटल, प्रमुख निवेशक राकेश झुनझुनवाला परिवार और शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए के सहयोग से की गई है। यह अस्पताल क्षेत्र के लोगों को विश्वस्तरीय आई केयर उपचार उपलब्ध कराएगा। अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,राज्यपाल आनंदीबेन पटेल , कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य जगदगुरू विजयेन्द्र सरस्वती की खास मौजूदगी रहेगी। इसके अलावा एस वी बालासुब्रमण्यम ( चेयरमैन, एसईएफआई ), पद्मश्री डाॅ आर.वी. रमणी ( संस्थापक और मैनेजिंग ट्रस्टी, शंकरा आई फाउन्डेशन इंडिया), मुरली कृष्णामूर्ति ( एक्ज़ीक्यूटिव चेयरमैन शंकरा आई फाउन्डेशन) भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि वाराणसी का यह अस्पताल देश में शंकरा का 14वां अस्पताल है, जो हर साल सबसे गरीब मरीज़ों की 30,000 निःशुल्क आई सर्जरियां करेगा। अस्पताल की स्थापना में दक्षिण भारत (तमिलनाडु) के कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट ने शंकरा आई हाॅस्पिटल को सहयोग दिया है।
इस विश्वस्तरीय आई केयर सुविधा की स्थापना रु 110 करोड़ के निवेश से की गई है, इसमें 30 हज़ार सर्जरियां करने की क्षमता है, अस्पताल में 9 आपरेशन थिएटर्स के साथ अन्य ज़रूरी सुविधाएं होंगी। सबसे गरीब मरीज़ों को आई केयर एवं उपचार उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल क्राॅस-सब्सिडाइज़ेशन माॅडल (75ः25) पर काम करेगा, जिसमें भुगतान करने वाले मरीज़ों से आई धनराशि का उपयोग ज़रूरतमंद मरीज़ों के उपचार के लिए किया जाएगा। संस्थापक एवं मैनेजिंग ट्रस्टी, शंकरा आई फाउंडेशन डाॅ आर.वी. रमणी के अनुसार भारत में नेत्रहीनों की आबादी दुनिया में सबसे अधिक है। इनमें से 80 फीसदी मामलों में अंधेपन को रोका जा सकता है। शंकरा आई हॉस्पिटल में हम सभी को गुणवत्तापूर्ण आई केयर उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है। हमने 2030 तक देश भर में 5 लाख फ्री सर्जरियां करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल अनूठे हाइब्रिड माॅडल पर काम करेगा, जिसके तहत न सिर्फ वाराणसी बल्कि उत्तर प्रदेश के आस-पास के गांवों एवं ज़िलों से आए मरीज़ों को भी सब्सिडी के साथ सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके लिए संसाधन उन मरीज़ों से जुटाए जाएंगे जो इलाज का खर्च उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में हाई-टेक और आधुनिक मल्टीपल स्पेशलिटीज़ होंगी, जो मरीज़ों की आंखों की विभिन्न समस्याओं जैसे मोतियाबिंद, काॅर्निया, रेटिना, ग्लुकोमा, पीडिएट्रिक आप्थेल्मोलोजी, आक्युलोप्लास्टी, आई बैंक और काॅर्नियल ट्रांसप्लांट, क्लिनिकल एवं माइक्रो बायोलोजी लैबोरेटरी, फार्मेसी और आप्टिकल आदि के लिए आधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराएंगे।