नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के आरोप में मुंबई स्थित एक निजी कंपनी के पूर्व निदेशक की शिकायत के आधार पर पुणे स्थित सहायक कंपनी रजिस्ट्रार एवं निरीक्षक अजय पवार को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आरोपित सहायक कंपनी रजिस्ट्रार एवं निरीक्षक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई स्थित निजी कंपनी के खिलाफ शुरू की गई जांच से संबंधित मामले में 30 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
सीबीआई के मुताबिक, आरोपित ने एक कंपनी और उसके निदेशक के नाम कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 206(4) के तहत बारी बारी से दो बार समन जारी किया। जब शिकायतकर्ता ने आरोपित से मुलाकात की तब शिकायतकर्ता की कंपनी का पक्ष लेने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से रिश्वत की मांग की गई। इसके अतिरिक्त चल रही जांच में मदद करने और शिकायतकर्ता की कंपनी का पक्ष लेने के जरिए मामले को सुलझाने के लिए 30 लाख रुपये की रिश्वत की मांगी गई।
आरोपित पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर उस निजी कंपनी के निदेशक को भारी जुर्माना और अभियोजन का परिणाम भुगतने की धमकी दी। इस दौरान तत्काल कंपनी सेक्रेटरी के माध्यम से आंशिक तौर पर 3 लाख रुपये का रिश्वत की राशि का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया। रिश्वत यह राशि स्वीकार करते हुए सीबीआई की टीम ने आरोपित को रंगे हाथों गिरफतार कर लिया।