नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूसा में बुधवार को पहले अंतरराष्ट्रीय भारतीय नृत्य महोत्सव का उद्घाटन किया। संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित छह दिवसीय इस महोत्सव में अमेरिका, इंडोनेशिया, नेपाल, बांग्लादेश, सिंगापुर और श्रीलंका समेत कई अन्य देशों से कलाकार, विद्वान और नृत्य आलोचक शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण और यादगार अवसर है। विभिन्न देशों के कलाकारों की भागीदारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान में मदद करती है। संगीत और नृत्य ऐसी भाषाएं हैं जो सीमाओं से परे हैं और सार्वभौमिक रूप से समझी जाती हैं। उन्होंने कहा कि “प्रदर्शन कलाओं को समर्पित सबसे पुराने ग्रंथ भारत में भरत मुनि द्वारा लिखे गए थे। इस विरासत को आगे बढ़ाना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे उत्सवों में युवाओं को शामिल करने से उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मदद मिलती है और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका मजबूत होती है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत विविध और अनोखी कलाओं से समृद्ध देश है, जो अपनी नृत्य कला के माध्यम से विश्व को संस्कृतियों के मेल और इससे साझी प्रगति का संदेश देता रहा है। शेखावत ने भारतीय नृत्य परंपरा के इस वैश्विक महोत्सव में सम्मिलत होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह उनके लिए गरिमा और गौरव का पल है। उन्होंने कहा कि हमेशा बहने वाली गंगा की तरह, ये परंपराएं पीढ़ियों के समर्पण से पनपती हैं, जो हमें विविधता के बीच एक गहरी एकता से जोड़ती हैं। उन्होंने कहा कि वे राजस्थान के रेगिस्तान से आते हैं, जहां कला अभाव में भी पनपी है। लोग संगीत और नृत्य जीवन में आनंद और अर्थ लाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे मीराबाई के भक्ति गीत करते थे। आज की अशांत दुनिया में, जहां भू-राजनीतिक अस्थिरता और नैतिक पतन व्याप्त है, भारत अपने प्राचीन ज्ञान, कला और मूल्यों के माध्यम से एक सांस्कृतिक दिशा प्रदान करता है। यह महोत्सव विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जैसे समुद्र मंथन से अमृत निकला था, जो भारत और विश्व को भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और दिशा प्रदान करता है।
उल्लेखनीय है कि महोत्सव के दौरान शहर के कमानी ऑडिटोरियम में शाम के समय नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश और विदेश के प्रख्यात नृत्य कलाकरों के समूह अपनी प्रस्तुति देंगे। आगंतुक कमानी ऑडिटोरियम में शाम साढे छह बजे से साढ़े आठ बजे तक नृत्य का निशुल्क आनंद ले सकते हैं। वहीं, फिरोजशाह रोड स्थित रविंद भवन के ललित कला अकादमी में सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक फ़ोटोग्राफ़िक प्रदर्शनी का निशुल्क भ्रमण कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय भारतीय नृत्य महोत्सव इस महीने की 21 तारीख तक चलेगा।