धर्मेंद्र प्रधान ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि और संधारणीय शहरों में 3 एआई उत्कृष्टता केंद्रों की घोषणा की

-एआई-सीओई दुनिया के समाधान प्रदाता के रूप में भी उभरेंगे : प्रधान

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नई दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा, कृषि और संधारणीय शहरों पर केंद्रित तीन एआई उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना की घोषणा की।

इस मौके पर धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीद जताई कि तीनों एआई-सीओई वैश्विक सार्वजनिक भलाई के मंदिर के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रों के अनावरण के साथ वैश्विक एआई परिदृश्य में भारत की साख को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

प्रधान ने यह भी कहा कि भारत को जिस प्रतिभा और उत्साह का वरदान मिला है, उसके साथ आने वाले समय में ये सीओई वैश्विक सार्वजनिक नीति का एक प्रमुख तत्व होंगे और दुनिया के समाधान प्रदाता के रूप में भी उभरेंगे।

उन्होंने देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में एआई में इन सीओई के कार्यान्वयन की दिशा में उनके सावधानीपूर्वक और ईमानदार प्रयासों के लिए श्रीधर वेम्बू के नेतृत्व वाली शीर्ष समिति की सराहना की। भारत को एआई के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उनके दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि एआई में ये सीओई देश में स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम को और बढ़ावा देंगे, नौकरी और धन सृजन करने वालों की एक नई पीढ़ी बनाने में मदद करेंगे और वैश्विक सार्वजनिक भलाई के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।

उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये सीओई केवल संस्थान-आधारित नहीं हैं, बल्कि पूरे देश की सेवा के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। अंतःविषय अनुसंधान के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि समान विचारधारा वाले संसाधनों के बीच सही तरह के सहयोग से, इष्टतम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में विकसित प्रतिस्पर्धा-आधारित चुनौती विधियों ने आम समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रगति सुनिश्चित की है।

शीर्ष समिति के सह-अध्यक्ष और ज़ोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और सीईओ श्रीधर वेम्बू ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह ये परियोजनाएं गांवों, शहरों और देश के लोगों के स्वास्थ्य को समग्र रूप से लाभ पहुंचाएंगी। उन्होंने देश के प्रतिभा पूल को पोषित करने के महत्व पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसके सदस्य आने वाले 10 से 20 वर्षों में राष्ट्र की सेवा करें। उन्होंने कहा कि सीओई कई प्रयासों को बढ़ावा देंगे, कंपनियां बनाएंगे, प्रतिभाओं को पोषित करेंगे और हमारे प्रतिभा पूल के लिए अवसर पैदा करेंगे।

“विकसित भारत” के विजन को साकार करने के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए इन तीन सीओई का नेतृत्व उद्योग भागीदारों और स्टार्टअप के साथ मिलकर शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा। वे अंतःविषय अनुसंधान करेंगे, अत्यधुनिक अनुप्रयोग विकसित करेंगे और इन तीन क्षेत्रों में स्केलेबल समाधान तैयार करेंगे। इस पहल का उद्देश्य एक प्रभावी एआई पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय करना और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों का पोषण करना है।

भारत में एआई बनाएं और एआई को भारत के लिए काम करने लायक बनाएं के दृष्टिकोण के तहत, इन केंद्रों की स्थापना की घोषणा 2023-24 के बजट घोषणा के पैरा 60 के तहत की गई थी। इसके अनुरूप, सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 की अवधि में 990.00 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ तीन एआई उत्कृष्टता केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दी है। इस पहल के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए एक उद्योग प्रधान शीर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसके सह-अध्यक्ष डॉ. श्रीधर वेम्बू हैं।

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