नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए महाराष्ट्र के देवलाली को बिहार के दानापुर से जोड़ने वाली ‘शेतकरी समृद्धि’ किसान विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
रेल मंत्री अश्विनी ने इस मौके पर कहा कि इस रेलगाड़ी का उद्देश्य महाराष्ट्र के किसानों की उपज को तेजी से देश के अन्य राज्यों तक पहुंचाना है। यह ट्रेन नासिक, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, इटारसी, जबलपुर, सतना, और दीनदयाल उपाध्याय सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी, जिससे किसानों को अपनी उपज को सही समय पर और सही दाम पर बेचने का अवसर मिलेगा। किसान मात्र 4 रुपये प्रति किलो की दर से अपनी उपज को देवलाली और नासिक जैसे इलाकों से बिहार तक भेज सकेंगे। इस ट्रेन में छोटे और बड़े किसानों के लिए पार्सल वैन के साथ-साथ साधारण श्रेणी के कोच भी लगाए गए हैं, जिससे किसान और श्रमिक दोनों को सफर की सुविधा मिलेगी। देवलाली से दानापुर तक की 1,515 किमी लंबी दूरी पर भाड़ा प्रति किलोमीटर, प्रति किलोग्राम मात्र 28 पैसे से भी कम होगा, जिससे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों का कम लागत पर परिवहन संभव होगा। यह गाड़ी न केवल किसानों को नए बाजार उपलब्ध कराएगी बल्कि श्रमिकों को भी सस्ती और सुविधाजनक यात्रा का साधन प्रदान करेगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
वैष्णव ने जोर देकर कहा कि यह पहल एक पायलट प्रोजेक्ट है, अगर यह सफल रहा तो किसानों के लिए और अधिक ट्रेनें चलाने की योजना है। महाराष्ट्र में रेलवे के विकास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से पहले वार्षिक वित्त पोषण 1,171 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 15,940 करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें 5,870 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइनों के लिए 41 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और 81,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
इसके अतिरिक्त, 132 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, तथा महाराष्ट्र में 318 फ्लाईओवर और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है।
इसके अलावा वैष्णव ने महाराष्ट्र में रेलवे परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि मुंबई से विभिन्न स्टेशनों के लिए 11 वंदे भारत एक्सप्रेस स्वीकृत हैं, जिनमें से 6 ट्रेनें वर्तमान में चल रही हैं। उन्होंने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी जानकारी दी, जिसके अंतर्गत महाराष्ट्र, गुजरात, और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली से गुजरने वाली इस परियोजना के लिए अब तक 350 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 316 किलोमीटर पियर निर्माण, और 221 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग का कार्य पूरा हो चुका है। बुलेट ट्रेन परियोजना में समुद्र के नीचे 7 किलोमीटर की सुरंग भी शामिल है, जो भारतीय रेल के आधुनिक और प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाता है।