चंडीगढ़, 12 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम तीसरी बार बदलाव के साथ अब तय हो गया है। नायब सैनी और उनके मंत्री अब 17 अक्टूबर को पंचकूला में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख नेता भी मौजूद रहेंगे।
इससे पहले 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह के लिए परिवहन विभाग द्वारा सभी जिलों में रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र जारी करते हुए बसों की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद कार्यक्रम में बदलाव हुआ और पंचकूला में 15 अक्टूबर को आयोजित करने की बात कही गयी। हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की तरफ से शुक्रवार को एक पत्र जारी करके पंचकूला के जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक आयोजन कमेटी का गठन तक कर दिया गया था। यह कमेटी अपने कार्यों में जुटी हुई थी। इस बीच शनिवार को फिर से कार्यक्रम में बदलाव करते हुए अब 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण रखा गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने इस कार्यक्रम के आयोजन की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद ही पंचकूला में यह कार्यक्रम तय किया जा रहा है।
मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भेज दिया गया है। इसके अलावा धर्म गुरु, संत महात्मा भी अपना आशीर्वाद देने के लिए इस समारोह में पहुंचेंगे। इस बीच पंचकूला के सेक्टर-पांच स्थित परेड ग्राउंड में होने वाले शपथग्रहण समारोह को लेकर हरियाणा के एडीजीपी सीआईडी तथा अन्य आला अधिकारियों ने आज यहां का दौरा किया। सूत्रों के अनुसार समारोह स्थल पर 50 हजार लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके चलते शनिवार को दशहरे के दौरान भी भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पंचकूला में बैठक करके सभी नवनिर्वाचित विधायकों तथा संगठन के नेताओं को इस बारे में निर्देश जारी किए।
प्रत्येक जिला मुख्यालय पर बसें भेजने को लेकर रणनीति तैयार की गई है। इसके अलावा विधायकों से रविवार तक यह जानकारी मांगी गई है कि वह अपने हलकों से कितनी गाडिय़ां और कितने व्यक्तियों को लेकर शपथ ग्रहण समारोह में आ रहे हैं। भाजपा संगठन ने इस बात पर फोकस कर दिया है कि शपथ ग्रहण समारोह को विजय रैली में तबदील कर दिया जाए। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को लेकर भी मंथन चल रहा है। आमतौर पर इस तरह के कार्यक्रमों में राज्यपाल के उपस्थित होने तथा शपथ ग्रहण का प्रोटोकॉल होने के कारण राजनीतिक भाषण नहीं रखे जाते हैं लेकिन भाजपा इसका भी हल निकालने की तैयारी में कर रही है।