राष्ट्रकवि दिनकर का रचना संसार दिखेगा डिजिटल लाइब्रेरी मेंः डॉ. विपिन

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार ने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं को एक जगह एकत्र कर डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। विश्व हिंदी परिषद की विज्ञप्ति के अनुसार डॉ. कुमार ने आरा (बिहार) के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई सहजानंद ब्रह्मर्षि कॉलेज (एसबी कॉलेज) के 54 वां स्थापना दिवस पर यह घोषणा की। स्थापना दिवस पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116 वीं जयंती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

भारत रत्न देने की मांगः उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि राष्ट्रकवि दिनकर को भारत रत्न प्रदान किया जाए। डॉ. विपिन ने कहा कि दिनकर जी की रचनाओं में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व है। उनके रचना संसार पूरा विश्व प्रभावित है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री व अन्य तक उनकी रचनाओं को पढ़ते है। राष्ट्रकवि दिनकर आज भी प्रासंगिक है। भारत के नवनिर्माण में उनका बड़ा योगदान है। उनकी रचनाओं से प्रेरणा लेकर राष्ट्र को विकसित किया जा सकता है।

राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कुलपति प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी, प्राचार्य ड़ॉ. पूनम कुमारी, कुलसचिव डॉ. रणविजय कुमार, राष्ट्रकवि दिनकर जी के पौत्र डॉ. अरविंद कुमार व अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डॉ. राम बहादुर शर्मा। संगोष्ठी का संचालन डॉ. सुदीप्ता शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पंकज कुमार ने किया। रांची विश्वविद्यालय हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पांडे ने कहा कि कॉलेज अपना स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है यह गौरव का संदर्भ है। किसान आंदोलन के प्रणेता थे स्वामी सहजानंद के नाम पर यह कॉलेज स्थापित है। इस मौके पर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने राष्ट्रकवि की कई कविताओं को सुनाया। इस दौरान कॉलेज की पत्रिका सहज और डॉ. पूनम कुमारी की पुस्तक लोक – कथाएं का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रो. मृत्युंजय कुमार सिंह, डॉ. दिवाकर पांडेय, डॉ. विश्वनाथ चौधरी, प्रो. पीके सिन्हा, प्रो. शंभू शरण शर्मा, डॉ. अनुज रजक, डॉ. शिव प्रकाश राय,प्रो. कनकलता कुमारी, डॉ. भावप्रिता, डॉ. स्मिता ठाकुर, डॉ. अभिनव, डॉ. सद्दाम हुसैन, डॉ. अरविंद, डॉ. नीतू, डॉ. अर्चना, डॉ. उमेश कुमार राय, बिंकटेश्वर चौधरी, डॉ. विनय कुमार, डॉ. आदित्य, डॉ. अशोक कुमार तिवारी, सुमिर, रमेश और कृष्ण भास्कर मौजूद रहे।

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