विजयादशमी चुनौतियों पर विजय पाने के लिए संकल्प लेने का उत्सव : आलोक कुमार

पटना, 06 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने रविवार को पटना में विजयादशमी उत्सव के निमित्त अपने बौद्धिक में कहा कि विजयादशमी उत्सव चुनौतियों पर विजय पाने के लिए संकल्प लेने का उत्सव है।

पटना के राजा बाज़ार स्थित बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने बिखरे हिंदू शक्ति को संगठित करने का संकल्प लेकर संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन की थी। वर्ष 2025 में संघ स्थापना के 100 वर्ष हो जाएंगे। यह वर्ष संघ कार्य के विस्तार का रहेगा। संघ के स्वयंसेवक इस वर्ष पांच चुनौतियों का सामना करने का संकल्प भी लेंगे।

आलोक कुमार ने कहा कि विजयदशमी की परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है। कई प्रसंग मिलते हैं, जिसमें दानवी शक्ति का संहार विजयादशमी के दिन किया गया। अपने शक्ति को प्रकट करने का यह दिन है। इसलिए आज के दिन शस्त्र पूजा की जाती है। वर्तमान समय में पांच संकट है उन्हें दूर करना अति आवश्यक है।

इन संकटों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण की है। पर्यावरण को संरक्षित करना आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षित होगा तभी हम जीवित रह पाएंगे। आज नदियों का जल प्रदूषित हो गया है। गंगा, यमुना और तमाम नदियों के जिलों में प्रदूषण है। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण करना हमारा दायित्व है। दूसरी सबसे बड़ी चुनौती हमारे परिवार व्यवस्था को बनाए रखना है। भारत की सबसे बड़ी पूंजी परिवार व्यवस्था है लेकिन आज वह छिन्न-भिन्न हो रही है। दुर्भाग्य से हमारे देश में भी वृद्ध आश्रम की संस्कृति पनप रही है। इसे समाप्त करना होगा।

तीसरी चुनौती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज समरस समाज बनाना भी हमारी आवश्यकता है। छुआछूत, अस्पृश्यता इन सब चुनौतियों से हमें पार जाना होगा। सार्वजनिक स्थानों पर सभी एक हैं। देवालय, जल के स्रोत, श्मशान भूमि जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सभी का एक समान अधिकार है। इसी प्रकार नागरिक कर्तव्य बोध को जागृत करना भी परम आवश्यक है। अपने यहां स्व विवेक की परंपरा है। भारत में विदेश इतनी तेज गाड़ियां नहीं चलती फिर भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने के कारण भारत में सर्वाधिक एक्सीडेंट होते हैं। पांचवी चुनौती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वभाव का निर्माण करना भी हमारी आवश्यकता है। अपने को गाली देना एक परंपरा बन गई है जबकि संपन्न देशों के नागरिक अपने देश की निंदा नहीं करते हैं। समस्या बताने से समाधान नहीं होगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पटना के बहुचर्चित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि देश की प्रगति सभी नागरिकों से जुड़ी होती है। भारत की अखंडता और एकता की रक्षा करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है। विकास सभी क्षेत्रों का होना चाहिए। शिक्षा और तकनीकी कौशल में विकास करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को परम आवश्यक बताते हुए कहा कि दो बच्चों से अधिक होने पर उसे परिवार को सरकारी सुविधा नहीं मिलनी चाहिए।

मंच पर पटना महानगर के संघचालक डॉक्टर राजीव कुमार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात स्वयंसेवकों ने पथ संचलन भी निकाला।

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