नैनीताल, 1 अक्टूबर (हि.स.)। नैनीताल के आसमान में एक रोमांचक और दुर्लभ खगोलीय नजारा रिकॉर्ड किया गया है। यहां धूमकेतु सी/2023 ए-3 सुचिनशान एवं एटलस यानी एस्ट्रोइड टेरेस्ट्रियल एंड इंमैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम को नैनीताल के आकाश से गुजरते हुए देखा गया। एक एस्ट्रो फोटोग्राफर ने इसे अपने कैमरे में कैद करने में भी सफलता पाई है। इस धूमकेतु पर एरीज के वैज्ञानिक भी नजर रखे हैं। वैज्ञानिक के अनुसार इसे 12-13 अक्टूबर काे भी बिना किसी उपकरण के आंखाें से देखा जा सकता है।
बताया गया है कि धूमकेतु सी/2023 ए-3 सुचिनशान एवं एटलस को जनवरी 2023 में जिजियांग वेधशाला, चीन, एटलस, हवाई ने खोजा था। विशेषज्ञों ने बताया था कि यह धूमकेतु सूर्य के काफी नजदीक से गुजरने वाला है और यह वर्ष के सबसे चमकीले खगोलीय पिंडों में से एक हो सकता है। इसकी चमक लगातार बढ़ रही है और इस माह के दौरान सर्वाधिक करीब से नग्न आंखों से यानी बिना किसी उपकरण के भी उत्तरी गोलार्ध के आकाश में सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में देखा जा सकेगा। इस अद्भुत नजारे को नैनीताल के एस्ट्रो फोटोग्राफर प्रमोद सिंह खाती ने अपने कैमरे में कैद किया है।
इस संबंध में एरीज के वैज्ञानिक डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि 1.3 मीटर व्यास की दूरबीन से इस धूमकेतु की पूंछ के किसी चमकीले तारे के पास से गुजरने के दौरान उत्पन्न होने वाले टरबुलेंस के प्रेक्षण करने के प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि इससे उत्पन्न होने वाली ऊष्मा का पता लगाया जा सके, लेकिन इसमें अभी सफलता हाथ नहीं लगी है। इसका कारण यह है कि यह क्षितिज से मात्र 15 डिग्री ऊपर है। उन्होंने कहा कि अभी यह सूर्य की ओर जा रहा है। डॉ. बृजेश कुमार ने कहा कि संभव है आगे 12-13 अक्टूबर के आसपास इस पर अपेक्षित प्रेक्षण सफलतापूर्वक किये जा सकें। उन्होंने बताया कि इसे 12-13 अक्टूबर को नग्न आंखों यानी बिना किसी उपकरण की मदद के भी देखे जाने की संभावना है।