आयुष्मान भारत -पीएमजेएवाई में जल्द शामिल की जाएंगी आयुष की स्वास्थ्य सेवाएंः प्रतापराव जाधव

नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई ) के तहत आयुर्वेदिक पैकेजों को शामिल करने की दिशा में आयुष मंत्रालय अन्तिम चरण में है । मंत्रालय जल्दी ही आयुष की स्वास्थ्य सेवाएं आयुष्मान भारत में शामिल करेगी, जिससे करीब 50 करोड़ लोग लभान्वित होंगे।

शुक्रवार को आयुष मंत्रालय में केन्द्र सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने मंत्रालय की उलब्धियां गिनवाईं। उन्होंने कहा कि एबी-पीएमजेएवाई में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं के 170 पैकेज तैयार किए गए हैं। इनमें कैंसर, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल संबंधित बीमारियां, त्वचा रोग आदि कई बीमारियां शामिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निजी स्वास्थ्य संस्थान और अन्य स्टेकहोल्डर से बातचीत अंतिम चरण पर है। जल्दी ही इसकी शुरुआत हो जाएगी।

आयुष मंत्री ने कहा कि सरकार हर तहसील में आयुष दवाओं के लिए विशेष चिकित्सा स्टोर खोलेगी, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोगों को आयुष चिकित्सा तक आसान पहुंच मिल सके। पहला स्टोर एआईआईए में 9 अक्टूबर को खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन 100 दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ डोनर समझौता किया गया जिसमें पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में बेहतर तरीके से एकीकृत करने और साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को मजबूती देने पर जोर दिया गया है।

इसके साथ ही वियतनाम के साथ औषधीय पौधों पर समझौता ज्ञापन किया गया। इस समझौते का उद्देश्य औषधीय पौधों पर शोध, संसाधन और जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इसके साथ भारत और मलेशिया ने पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

आयुष मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद और योग को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से मंत्रालय ‘भारत का प्रकृति परीक्षण’ अभियान शुरू कर रहा है। इसे अगले महीने लॉन्च किया जा रहा है। देशभर में 10000 आयुष शिविर लगाए गए, जिसमें वृद्ध लोगों को निःशुल्क परामर्श और पारंपरिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं। केवल 100 दिनों में 14,692 शिविर लगाए जा चुके हैं। आयुष उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी दिल्ली, टीएमसी मुंबई और जेएनयू दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर की जा रही है, जिसके तहत 6 नए आयुष उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनके लिए 52.47 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है।

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