– सामने और पीछे के कवच के साथ 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती हैं मॉड्यूलर जैकेट
– जैकेट के लिए कवच प्लेट प्रोटोकॉल के अनुसार सभी आवश्यक परीक्षण पूरे किये
नई दिल्ली, 25 सितम्बर (हि.स.)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर एडवांस्ड बैलिस्टिक फॉर हाई एनर्जी डिफेट (एबीएचईडी) नामक नई हल्के वजन वाली बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। जैकेट की आर्मर प्लेट्स ने सभी आवश्यक रिसर्च परीक्षण पास कर लिये हैं। ये जैकेट सेना से निर्धारित अधिकतम वजन सीमा से भी हल्की हैं और 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन जैकटों को पॉलिमर और स्वदेशी बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक सामग्री से बनाया गया है। इसे डीआरडीओ के सहयोग से उचित मॉडलिंग और सिमुलेशन के बाद विभिन्न सामग्रियों के साथ डिजाइन किया गया है। जैकेट के लिए कवच प्लेट प्रोटोकॉल के अनुसार सभी आवश्यक परीक्षण किये जा चुके हैं। जैकेट उच्चतम खतरे के स्तर को पूरा करती हैं और भारतीय सेना के निर्धारित मानकों के मुताबिक अधिकतम वजन सीमा से भी हल्की हैं। विभिन्न बीआईएस स्तरों के लिए 8.2 किलोग्राम और 9.5 किलोग्राम के न्यूनतम संभावित वजन के साथ ये मॉड्यूलर जैकेट सामने और पीछे के कवच के साथ 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती हैं।
मंत्रालय के मुताबिक जैकेट को आईआईटी, दिल्ली में डीआरडीओ उद्योग अकादमी उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) में विकसित किया गया है। चयन-मानदंड मैट्रिक्स के आधार पर कुछ भारतीय उद्योगों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हैंडहोल्डिंग के लिए चुना गया था। केंद्र तीन उद्योगों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के लिए तैयार है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इस उपलब्धि पर डीआईए-सीओई को बधाई देते हुए कहा कि लाइट वेट बुलेट प्रूफ जैकेट डीआरडीओ, शिक्षाविदों और रक्षा अनुसंधान एवं विकास के प्रभावी पारिस्थितिकी तंत्र की मिसाल है।
डीआईए-सीओई का गठन 2022 में आईआईटी दिल्ली में डीआरडीओ के संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र को संशोधित करके किया गया था ताकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए उद्योग और शिक्षाविदों को शामिल किया जा सके। यह डीआरडीओ के वैज्ञानिकों, अकादमिक शोधकर्ताओं और उद्योग भागीदारों को शामिल करते हुए उन्नत प्रौद्योगिकियों पर विभिन्न परियोजनाओं को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहा है।