नारी पुरुष के बराबर नहीं, श्रेष्ठ है जननी जिसने हमको जन्म दिया : ऋतेश्वर महाराज

वाराणसी,23 सितम्बर(हि.स.)। वृंदावन मथुरा स्थित आनंदम धाम ट्रस्ट के पीठाधीश्वर सद्गुरु डॉ. ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि नारी इस धर्म प्राण देश के सनातन की रीढ़ की हड्डी है। नारी वह धुरी है जिस पर पूरा सनातन टिका है। अगर नारी चाहे ले तो भारत में जितनी भी समस्याएं आज व्याप्त हैं उसका समाधान मिनटों में निकल जाए। डॉ. ऋतेश्वर महाराज मधुमेह एवं हृदयाघात मुक्त भारत एवं नारी तू नारायणी सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय कामाख्या स्थित चाणक्य प्रेक्षागृह में पेनेशिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. ऋतेश्वर महाराज ने नारी के महिमा का गुणगान किया। उन्होंने अपने आर्शीवचन में कहा कि नारी भारत में सदैव से सम्मानित है और सम्मानित रहेगी। हर समस्या का समाधान उसके पास है। नारी ने प्राचीन काल से लेकर आधुनिक इतिहास तक यह साबित किया है कि उसकी सामर्थ्य किसी से कहीं कम नहीं है। नारी पुरुष के बराबर नहीं है। पुरुष से श्रेष्ठ है हमारी जननी है। जिसने हमको जन्म दिया है आज हम उनका सम्मान करके स्वयं सम्मानित हो रहे हैं।

कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की मंत्री मीना चौबे ने कहा कि नारी के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी होती है। वह दो घर को संभालती है एक अपने मायके को और ससुराल को अगर नारी चाह ले तो वह साधारण बालक को भी छत्रपति शिवाजी बना सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बना सकती है। नारी के संस्कार ही योग्य पुरुष का निर्माण करते है। कार्यक्रम में डॉक्टर आशुतोष मिश्रा, डॉक्टर पल्लवी मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं का सम्मान किया गया। इनमें चंद्रकला मिश्रा, शशिकला पांडेय, ऋषिका मिश्रा, गरिमा पांडेय, करुणा सिंह, कंचन सिंह, शशिकला भारती, इंदु दुबे, चंद्रकला रावत, नमिता सिंह, प्रज्ञा पांडेय, रुचि पाठक, डॉक्टर संध्या ओझा, डॉ रीना सिंह, आरती टंडन, डॉ.सुनीता तिवारी, जमुना शुक्ला, अंशु पांडेय, नीलू राय, दीपिका दास, विद्या पटेल आदि रही। संचालन डॉ उत्तम ओझा और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर नूपुर ओझा ने किया।

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