भारतीय शेयर बाजार के प्रति विदेशी निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी, 20 सितंबर तक हुआ 33,691 करोड़ का विदेशी निवेश

नई दिल्ली, 22 सितंबर (हि.स.)। घरेलू शेयर बाजार में इस महीने विदेशी निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 20 सितंबर तक भारतीय शेयर बाजार में 33,691 करोड़ रुपये का निवेश किया है। साल 2024 के किसी एक महीने में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों पर द्वारा किए गए निवेश का ये दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके पहले मार्च 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 35,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था। विदेशी निवेशकों द्वारा किए जा रहे निवेश की रफ्तार को देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस महीने के शेष बचे हुए कारोबारी दिनों में विदेशी निवेश का आंकड़ा 35,100 करोड़ रुपये के स्तर को आसानी से पार कर जाएगा।

मार्केट एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से खरीदारी का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती करने के बाद विदेशी निवेशकों ने भारत जैसे हाई पोटेंशियल वाले देश के स्टॉक मार्केट में जम कर खरीदारी शुरू कर दी है। इस महीने के पहले 20 दिनों में हुए 33,691 करोड़ रुपये के निवेश समेत विदेशी निवेशक इस साल घरेलू शेयर बाजार में 76,572 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक जून महीने से ही विदेशी निवेशक घरेलू शेयर बाजार में लगातार बायर की भूमिका में बने हुए हैं। सितंबर के पहले अगस्त के महीने में विदेशी निवेशकों ने 7,320 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि जुलाई में ये आंकड़ा 32,365 करोड़ रुपये और जून में 26,565 करोड़ रुपये का था। हालांकि इसके पहले अप्रैल और मई के दौरान विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 34,252 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।

इन्वेस्टमेंट रिसर्च एनालिस्ट विनीत गोयल का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में आई कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नरम रुख की वजह से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय शेयर बाजार आकर्षक बना हुआ है। इसके अलावा भारत का संतुलित राजकोषीय घाटा, मजबूत वैल्युएशंस और महंगाई पर नियंत्रण को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के रुख की वजह से भी विदेशी निवेशकों के लिए भारत एक आकर्षण केंद्र बना हुआ है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेश और तेज हो सकता है। ऐसा होने पर शेयर बाजार की रफ्तार तेज बनी रह सकती है।

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